सेल्फ़ी के लिए ट्रेन के आगे मौत की झलांग
युवाओं में सेल्फी लेने का जुनून है। वे ऐसी जगहों पर सेल्फी लेने का जोखिम उठा रहे हैं, जहां मौत उनके बेहद करीब होती है।
सोमवार को गणतंत्र दिवस पर पलवल के पास मीतनौल निवासी अनीस ने अपने तीन अन्य दोस्तों अफजल निवासी आजादपुर दिल्ली, इकबाल निवासी ओल्ड फरीदाबाद और याकूब निवासी मुरादनगर गाजियाबाद के साथ ऑल्टो कार (एचआर 50 सी 9425) से आगरा ताजमहल देखने का प्रोग्राम बनाया। चारों दोस्त आज सुबह आगरा के लिए रवाना हुए। कोटवन बॉर्डर के पास रेलवे लाइन नजर आने पर दोस्तों ने ट्रेन के आगे स्टंट की सेल्फी का निश्चय किया और हाइवे किनारे कार रोककर पटरी पर पहुंच गए।
घटनाक्रम के अनुसार चारों दोस्त रेल पटरी पर स्टंट कर अपने-अपने मोबाइल फोन से सेल्फी लेने लगे। स्टंट और सेल्फी में चारों इतने मशगूल हो गए कि ट्रैक पर आगरा की ओर से धड़धड़ाती आ रही मंगला एक्सप्रेस की ओर उनका ध्यान ही नहीं गया। देखते ही देखते ही ट्रेन अफजल, इकबाल और याकूब के चिथड़े उड़ाते चली गई। अनीस ट्रेन की चपेट में आते-आते बच गया। हादसा देखकर वो बेहोश कर गिर गया और जब होश में आया तो दोस्तों के चिथड़े देखे तो बदहवास सा हो गया। चीखते-चिल्लाते किसी तरह वह हाइवे पर पहुंचा और राहगीरों और परिजनों को जानकारी दी। उधर, ट्रेन चालक ने भी स्टेशन पर हादसे की खबर दी। थोड़ी देर बाद ही घटनास्थल पर रेलवे और इलाका पुलिस के साथ राहगीर भी पहुंच गए।
अनीस ने बताया कि अफजल, इकबाल और याकूब उसके रिश्तेदार थे। चारों कॉलेज में पढ़ते थे। अनीस ये जानकारी नहीं दे पाया कि कौन सेल्फी ले रहा था और कौन-कौन स्टंट कर रहा था। उसने ये भी बताने से गुरेज किया कि हादसे के वक्त वो क्या कर रहा था। उसका कहना था कि हम लोग फोटो खींच रहे थे, तभी ट्रेन आई और तीनों को चपेट में लेते हुए चली गई। इसी बीच अनीस के परिजन भी मौके पर आ गए। परिजनों के साथ आए पड़ोसी जनक सिंह ने बताया कि ये लोग लघुशंका के लिए रुके थे। ट्रेन के आगे स्टंट करने और मोबाइल से फोटो लेने की बात से इन्होंने इन्कार किया है। एसओ कोसी अरविंद कुमार का कहना है कि परिजन इत्तफाकिया हादसे की तहरीर देकर गए हैं।