AOGS Deepawali meet in Agra
आगरालीक्स… आगरा में जिनके गले में आला और हाथों में सर्जिकल औजार होते हैं, वे अच्छे कलाकार भी हैं। आगरा के डाॅक्टरों ने जब आला छोड़, माइक थामा तो अपने गीतों से मंत्र-मुग्ध कर दिया। नृत्य प्रस्तुतियां दीं तो सभी का मन मोह लिया।
आगरा आॅब्सटेट्रिकल एंड गायनेकोलाॅजिकल सोसायटी (एओजीएस) की ओर से फतेहाबाद रोड स्थित द आॅर्चिड फाॅर्म में दीपोत्सव आयोजित किया गया। शुभारंभ सोसायटी की अध्यक्ष डा. निधि गुप्ता और सचिव डा. अमित टंडन ने एओजीएस की टीम के साथ मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के दरबार की महाआरती व पूजन-अर्चन के साथ किया। उन्होंने कहा कि दिवाली खुशियों का त्योहार है और खुशियों को नजर न लगे इसके लिए जरूरी है कि दिवाली को सही तरीके से मनाया जाए। जरा सी लापरवाही खतरनाक हो सकती है।
पटाखों की वजह से जलने के मामले, अस्थमा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट के मरीजों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पडता है। गर्भवती महिलाओं को तो और भी सावधानी रखने की जरूरत होती है। इसलिए बेहतर है कि पटाखों पर अधिक ध्यान न दें और स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं के साथ दीवाली को यादगार बनाएं। इसके बाद सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम आरंभ हुए, जिसके लिए आगरा के डाॅक्टरों को जोनवाइज पांच टीमों सेंट्रल आगरा, जयपुर हाउस, कमलानगर, साथ-साथ, सिकंदरा-बोदला और एसएन मेडिकल काॅलेज में बांटा गया था। इसमें डाॅक्टरों ने डांसिंग, सिंगिंग, नाटक, अंताक्षरी, व्यंग्य आदि प्रतियोगिताओं में शिरकर की। फिल्मी-गैर फिल्मी तराने गुनगुनाए, जिनकी सभी ने सराहना। डाॅक्टरों ने एकल और समूह नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों दीं तो समूचा प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। रंगारंग शाम का लुत्फ उपस्थितजनों ने भरपूर जोश और उत्साह के साथ उठाया। हमेशा काम में व्यस्त रहने वाले डाॅक्टर इस रंग-बिरंगी शाम में जमकर मस्ती करते नजर आए। अपने साथी डाॅक्टरों की प्रस्तुतियों पर उन्होंने तालियों के साथ उनका उत्साहवर्धन किया। संचालन कल्चरल कमेटी कीं सचिव डा. रजनी पचौरी, संयुक्त सचिव डा. कहकशा खान और मास्टर और सेरेमनी डा. रत्ना शर्मा ने किया।
मुख्य अतिथि फेडरेशन आॅफ आॅब्सटेट्रिकल एंड गायनेकोलाॅजिकल सोसायटी आॅफ इंडिया (फाॅग्सी) की अध्यक्ष डा. जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि दीवाली में पटाखों की धूम नहीं तो शायद कोई कमी सी लगती है। लेकिन अगर पटाखे हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण को हानि पहुंचा रहे हैं तो हमें इनके इस्तेमाल के बारे में सोचने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि एसएन मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डा. जीके अनेजा ने सभी डाॅक्टरों को दीपोत्सव की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर आईएमए अध्यक्ष डॉ अशोक शिरोमणि, सचिव ओपी यादव, डॉ राजीव कृषक, डॉ मनोज जैन, डॉ रणवीर त्यागी, डॉ एचएल राजपूत, डॉ समीर कुमार, डॉ भूपेंद्र आहूजा, डॉ वनज माथुर आदि मौजूद थे।
गुरू-शिष्य की परंपरा को जीवित रखने का प्रयास है ‘दीप-मिलन’: डॉ निधि गुप्ता
सोसायटी की अध्यक्ष डा. निधि गुप्ता ने बताया कि समय के साथ कहें या समय की कमी का हवाला देकर कई परंपराओं के स्वरूप अब बदल गए हैं। त्योहारों पर अपने बुजुर्गों या परिवार के बड़ों का आशीर्वाद लेना और उनके मिलना भी अब कम हो चला है। आने वाली पीढ़ी में ये रिवाज जिंदा रहे इसलिए एओजीएस ने दीपोत्सव को दीप मिलन के रूप में भी सेलिब्रेट किया है। इसके तहत गुरूओं का सम्मान एवं अभिनंदन कार्यक्रम भी यहां किया गया है। यही वजह है कि आज डाॅक्टर गुरू और उनके शिष्य डाॅक्टर एक मंच पर नजर आ रहे हैं। सोसायटी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने डा. वरूण सरकार, डॉ कमलेश टण्डन, डॉ नरेंद्र मल्होत्रा, डा. संध्या अग्रवाल, डा. मुकेश चंद्रा, डा. सरोज सिंह का अभिनंदन किया। डॉ बीएम अग्रवाल, डॉ युवराज सिंह का भी स्वागत किया गया।
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी: डॉ अमित टण्डन
सचिव डा. अमित टंडन ने गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानीपूर्वक दीपोत्सव मनाने की सलाह दी। कहा कि रोशनी का त्योहार दिवाली अपने साथ बहुत सारी खुशियां लेकर आता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह सावधानी भरा समय है। इसी तरह दमा, सीओपीडी या एलर्जिक रहाइनिटिस से पीडित मरीजों की समस्या इन दिनों बढ़ जाती है। पटाखों में मौजूद छोटे कण सेहत पर बुरा असर डालते हैं, जिसका असर फेफड़ों पर भी पड़ता है। गर्भवती महिलाओं में इन दिनों बरती गई लापरवाही गर्भपात की वजह तक बन सकती है। इसलिए जरूरी है कि दीपावली का पर्व खासकर गर्भवती महिलाएं पटाखों से अधिक दूसरी खुशियों जैसे उपहारों के आदान-प्रदान, घर की साज-सजावट जैसी खुशियों के साथ मनाएं।