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DEI Neha Sharma murder case: Ex DGC Ashok Gupta Swatantr LOK Abhiyojak
आगरालीक्स… आगरा के डीईआई की शोध छात्रा नेहा शर्मा हत्याकांड में स्वतंत्र लोक अभियोजक नियुक्त कर दिया है। वहीं, मुख्य आरोपी बीएससी के छात्र उदय स्वरूप ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है, इस पर 17 मई को आदेश दिया जाएगा।
डीईआई की शोध छात्रा नेहा शर्मा हत्याकांड के मामले में शासन ने स्वतंत्र लोक अभियोजक की नियुक्ति पर गुहर लगा दी है। पूर्व डीजीसी अशोक कुमार गुप्ता को नियुक्त किया गया है। अपर जिला जज नवम मोहम्मद असलम सिद्दीकी की अदालत में मंगलवार को आरोपी उदय स्वरूप द्वारा सिविल सर्विसेज की तीन जून को होने वाली परीक्षा के लिए प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस हुई। आदेश के लिए 17 मई नियत की गई है। मामले में अब जल्द गवाही की प्रक्रिया शुरू होगी।
दयालबाग शिक्षण संस्थान की लैब में 13 मार्च 2013 को नेहा शर्मा की बेरहमी से हत्या हुई थी। लैब में शव मिला था, इस मामले में आरोपी डीईआई का बीएससी का छात्र उदय स्वरूप पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद है। सीबीआई ने डीएनए टेस्ट में रेप की पुष्टि के बाद उदय स्वरूप के खिलाफ चार्जशीट लगाई थी। कोर्ट ने लैब असिस्टेंड यशवीर संधू के खिलाफ भी आरोप तय किए थे। नेहा के पिता रिचपाल शर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एक स्वतंत्र लोक अभियोजक उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। वादी की ओर से इसके लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। पूर्व में अदालत ने प्रमुख सचिव न्याय व प्रमुख सचिव गृह उप्र सरकार को डीएम आगरा के माध्यम से स्वतंत्र लोक अभियोजक की नियुक्ति को पत्र भिजवाया था। इस पर उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव संजय खरे ने प्रमुख सचिव गृह को भेजे पत्र में कहा है कि उक्त मामले में प्रभावी पैरवी के लिए पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार गुप्ता को स्वतंत्र लोक अभियोजक के रूप में आबद्ध किए जाने की स्वीकृति प्रदान की है। इस संबंध में शासन के अनुसचिव ओमप्रकाश पांडेय ने पूर्व डीजीसी को पत्र जारी किया है। उधर, मंगलवार को अपर जिला जज नवम मोहम्मद असलम सिद्दीकी की अदालत में मंगलवार को आरोपी उदय स्वरूप द्वारा सिविल सर्विसेज की तीन जून को होने वाली परीक्षा के लिए प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस हुई।
वादी की ओर से अधिवक्ता एसएस चौहान ने अर्जी पर विरोध जताया। वहीं आरोपी की ओर से अधिवक्ता अचल शर्मा व गजेंद्र सिंह ने तर्क दिए कि पूर्व में भी बीटेक की परीक्षा देने की अनुमति मिली थी। जेल से उदय स्वरुप हाजिर हुआ। वहीं यशवीर संधू भी उपस्थित रहा।