Don’t wear skirt in India issue: Tourism Minister says advisory for religious place
आगरालीक्स …विदेशी महिला पर्यटकों के स्कर्ट न पहनने की सलाह पर घिरे केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री डॉ महेश शर्मा का कहना है कि यह ‘एडवाइजरी’ केवल धार्मिक जगहों के लिए थी ताकि पवित्र स्थानों की शुद्धता बनी रहे। मेरी भी दो बेटियां हैं… मैंने यह कभी नहीं कहा कि किसी व्यक्ति को क्या नहीं पहनना चाहिए।’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार , सोमवार को स्कर्ट न पहनने के बयान पर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) डा. महेश शर्मा ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि यह ‘एडवाइजरी’ केवल धार्मिक जगहों के लिए थी ताकि पवित्र स्थानों की शुद्धता बनी रहे। केंद्रीय ने कहा, ‘मैंने केवल इतना ही कहा था कि अगर वे कि मंदिर जाती हैं तो उन्हें जूते बाहर उतारने चाहिए, गुरुद्वारे में सिर ढक लेना चाहिए।’ महेश शर्मा ने कहा, ‘मैं धार्मिक जगहों के बारे में बात कर रहा था। मेरी भी दो बेटियां हैं… मैंने यह कभी नहीं कहा कि किसी व्यक्ति को क्या नहीं पहनना चाहिए।’
उन्होंने ने कहा था कि छोटी जगहों पर पर्यटक रात में अकेले न निकलें। महिला पर्यटक स्कर्ट न पहनें। ताजमहल के निरीक्षण को आगरा आए केंद्रीय मंत्री पर्यटकों के साथ बढ़ रही घटनाओं की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को गिना रहे थे। इसी बीच उन्होंने यह बयान दिया था।
रविवार को आगरा में यह कहा था पर्यटन मंत्री ने
आगरा आए केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री डॉ महेश शर्मा के विवादित बयान से सुर्खियों में हैं, उन्होंने कहा कि भारत में विदेशी महिला पर्यटक स्कर्ट ना पहनें और रात में अकेले ना घूमें, इसके लिए एयरपोर्ट पर विदेशी पर्यटकों के उतरते ही एक वेलकम किट दी जाएगी, इसमें कार्ड रखे हैं, इन कार्डों पर लिखा होगा कि आपको क्या करना है और क्या नहीं, रात में अकेले न निकलें। यदि निकलें भी तो जिस गाड़ी में बैठकर जाएं तो उसकी नंबर प्लेट का फोटो जरूर खींच लें। इस फोटो को अपने किसी साथी को भेज दें। जिससे यदि आपका कोई कैमरा तोड़ भी दे तो फोटो उसके साथी के पास पहुंच गई हो।
रविवार को आगरा आए केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री डॉ महेश शर्मा ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में जब यह कहा तो उनसे विदेशी महिला पर्यटकों के ड्रेस कोड के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपनी बात को पलटते हुए कहा कि उनका आशय किसी भी विदेशी महिला पर्यटक के क्या पहनने या क्या न पहनने का नहीं था। उनका मतलब था कि भारत की संस्कृति अलग है। यहां तमाम मंदिर हैं। इसलिए उसी के अनुसार ड्रेस कोड होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे किसी गलत रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।