Ess Ess Convent School 12th student killed in accident in Agra
आगरालीक्स… आगरा में भीषण सडक हादसे में में कान्वेंट स्कूल की 12 वीं की छात्रा की मौत, छात्रा की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। हादसा इतना भीषण था कि कार का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।
आगरा के कमला नगर निवासी संदीप मित्तल की बेटी अंशिका एसएस कान्वेंट स्कूल, कमला नगर में 12 वीं की छात्रा है, उसके पिता ने पुलिस को बताया कि रविवार सुबह छह बजे वह लॉयर्स कॉलोनी निवासी दिपांशु शेखर शर्मा पुत्र उपेंद्र शर्मा उसे अपनी कार से कोचिंग छोडने जा रहा था। ट्रांसपोर्ट नगर पर आईएसबीटी से आगे सर्विस रोड पर जेसीबी खडी हुई थी, कार जेसीबी से टकरा गई, हादसे के बाद चीख पुकार मचने पर स्थानीय लोग पहुंच गए।
मोबाइल में लॉक से चार घंटे बाद परिजनों को चला पता
स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने अंशिका और दिपांशु को अस्पताल पहुंचाया, यहां अशिंका की मौत हो गई, दिपांशु की हालत गंभीर है। अंशिका के मोबाइल में पैटर्न लॉक लगा हुआ था इसलिए उसके परिजनों से संपर्क नहीं हो सका, 10 बजे पुलिस को अंशिका के परिजनों की जानकारी हुई, इसके बाद उन्हें सूचना दी गई। अंशिका के पिता एक फैक्ट्री में काम करते हैं, दिपांशु के पिता फर्नीचर कारोबारी हैं।
नहीं थम रहे हादसे
आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आठ महीने में 853 एक्सीडेंट हुए, इसमें 100 लोगों की मौत हो चुकी है, हादसों का कारण जानकर सहम जाएंगे।
आगरा से लखनऊ को जोड़ने वाला 302 किमी0 लम्बे व लगभग 12-13 हजार करोड़ की लागत से बने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर लगभग प्रतिदिन हादसे हो रहे हैं। अभी हाल में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे टोल के पास बड़ा हादसा हुआ, जिसमें टूरिस्ट बस का टायर फटने से बस अनियंत्रित होकर कई वाहनों की चपेट में आ गई और आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गये हैं व दो की मौत हो गयी।
आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन (एडीएफ) के सचिव के0सी0 जैन द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दि0 4.4.2018 को लगाये गये आवेदन-पत्र के क्रम में उ0प्र0 एक्सप्रेसवेज़ इण्डस्ट्रियल डेवलपमेन्ट अथॉरिटी (यूपीडा) द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना दिनांक 10.5.2018 के अनुसार अगस्त-2017 से 31.3.2018 तक 853 दुर्घटनाओं में 100 लोगों की मृत्यु हुई। इसके उपरान्त जब पुनः सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत हादसों और मृतकों की संख्या के बारे में पूछा गया तो यूपीडा द्वारा प्रेषित पत्र में इस सम्बन्ध में सूचना पुलिस से प्राप्त करने को कहा गया। यह आवश्यक है कि यूपीडा इस एक्सप्रेसवे पर होने वाले हादसों का पूर्ण विवरण जनहित में रखे क्योंकि वह ही इस एक्सप्रेसवे का संचालन कर रही है। पूर्व में भी होने वाले हादसों का विवरण यूपीडा द्वारा दिया गया था किन्तु अब विवरण का न रखा जाना आश्चर्यजनक है। हादसों का विवरण रखने पर क्या कदम उठाये जाने हैं, इस सम्बन्ध में भी सहायता मिलेगी।
तेज स्पीड और टायर फटने से हो रहे हादसे
एक्सप्रेसवे पर गतिसीमा उल्लंघन को रोकने के सम्बन्ध में एडीएफ की ओर से यह कहा गया कि इस एक्सप्रेसवे पर प्रतिमाह करीब 8 लाख वाहन चल रहे हैं व लगभग 15 करोड़ रुपये टोल के रूप में प्रतिमाह यूपीडा द्वारा वसूले जाते हैं किन्तु यूपीडा द्वारा अभी तक स्पीड-कैमरे व अन्य संयंत्र गतिसीमा को मापने हेतु नहीं लगाये हैं, जिसके कारण वाहन चालक निर्भीक रूप से निर्धारित गतिसीमा 100 किमी प्रति घण्टा का उल्लंघन धड़ल्ले से करते हैं, जो हादसों का कारण बनती है। दि0 19.1.2018 की मध्यरात्रि से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स लगा दिया गया था किन्तु अभी तक गतिसीमा नियंत्रण हेतु कैमरे नहीं लगाये गये हैं