FIR lodged against Ex DM Zuhair Bin Saghir of Agra in Lucknow Agra Expressway land corruption charges in Agra
आगरालीक्स… आगरा के पूर्व डीएम जुहैर बिन सगीर पर आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे के लिए अपनी मसौरी बहन के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के आरोप में मुकदमा, आगरा में पूर्व डीएम जुहैर बिन सगीर के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा।
आगरा में 2013 14 में आईएएस जुहैर बिन सगीर डीएम रहे हैं, उन्होंने आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होने थी, इसकी डीएम जुहैर बिन सगीर को पद जानकारी थी।
उन्होंने अधिसूचना जारी होने से पहले अपनी मोसेरी बहन खालिदा रहमान के नाम से पद का दुरुपयोग करते हुए फतेहाबाद के गांव तिबाहा में 695 हेक्टेयर और गांव स्वारा में 3460 हेक्टेयर जमीन खरीदवा दी गई। इस जमीन का भूमि अधिग्रहण हो गया, इससे खालिदा बेगाम को 20 लाख 45 हजार का लाभ हुआ। इसी तरह से जुहैर बिन सगीर ने मुरादाबाद में भी मोसेरी बहन खालिदा बेगम के नाम से जमीन खरीदी गई। इस मामले में आगरा के थाना पफतेहाबाद में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया है।
2017 में की गई थी शिकायत
मुरादाबाद के दुष्यंत राज ने अप्रैल 2017 इसकी शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने जांच की तो मामले सामने आया। विजिलेंस की बरेली यूनिट ने जांच में पाया कि जुहैर बिन सगीर ने वर्ष 2013 से 14 तक आगरा में जिलाधिकारी रहते हुए पद का दुरुपयोग करते हुए अनुचित लाभ लिया। वहीं डीएम मुरादाबाद के पद पर तैनाती ककेदौरान मौसेरी बहन को जमीन दिलाकर 20.45 लाख रुपये का लाभ भी लिया था।
मुरादाबाद में डीएम जुहैर और एडीएम सिटी अरुण श्रीवास्तव पर मुकदमा
मुरादाबाद में एक दिन पहले जमीन घोटाले में फंसे तत्कालीन जिलाधिकारी जुहैर बिन सगीर व सेवानिवृत्त एडीएम सिटी अरुण कुमार श्रीवास्तव समेत आठ के खिलाफ बरेली विजिलेंस ने दो मुकदमे दर्ज कराए थे। यहां के सिविल लाइन थाने में दर्ज मुकदमा सीलिंग जमीन घोटाला एवं मूंढापांडे थाने में दर्ज मुकदमा जेल की जमीन में हुए घोटाले का है।
यह था मामला
अधिवक्ता दुष्यंत चौधरी ने 13 अप्रैल 2017 में तत्कालीन डीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शासन में शिकायत की थी। भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने के लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में जांच समिति गठित हुई। तीन सदस्यीय जांच समिति ने 13097.17 वर्ग मीटर सीलिंग की जमीन छोडऩे के मामले में डीएम, एडीएम सिटी के साथ आठ को आरोपी बनाया। शासन ने इस जांच रिपोर्ट के आधार पर विजिलेंस को दोबारा जांच करने के निर्देश दिए थे। 12 जुलाई 2017 को बरेली विजिलेंस विभाग के अफसरों ने जांच शुरू की। दो साल की लंबी जांच के बाद इन सभी आरोपितों के खिलाफ शासन के निर्देश पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की गई है। तत्कालीन डीएम जुहैर बिन सगीर वर्तमान में विशेष सचिव लघु सिंचाई एवं एडीएम अरुण कुमार श्रीवास्तव मुरादाबाद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बाकी आरोपितों की तैनाती मुरादाबाद में हैं।