Crime News: Husband murdered wife’s lover in Firozabad…#firozabadnews
hysteroscopy solve infertility Says Dr Osama in Rainbow Hospital Agra
आगरालीक्स… आगरा में दूरबीन विधि से गर्भाशय की जांच में प्रिग्नेंसी न होने का कारण पता चल सकेगा, बार बार गर्भपात क्यों हो रहा है, इसका कारण भी पता चल जाएगा। इससे बांझपन के इलाज में मदद मिलेगी।
सोमवार को रेनबो हाॅस्पिटल में लेप्रोस्कोपी एवं हिस्टेरोस्कोपी पर दो दिवसीय कार्यशाला आज सुबह आरंभ हो गई। इस कार्यशाला में इजिप्ट के डा. ओसामा शाओकी के साथ ही देश के कई हिस्सों से आए स्त्री रोग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया है। पहले दिन सुबह से ही तकनीकी सत्र आरंभ हुए। इसमें डा. ओसामा शाओकी ने कहा कि हिस्टेरोस्कोपी यानि दूरबीन विधि से गर्भाशय की बीमारियों की बारीकी से पडताल की जा सकती है। इसमें गर्भाशय की ट्यूब में किसी प्रकार की रूकावट, ट्यूमर आदि का आसानी से पता लगाया जा सकता है। यह पूरी प्रक्रिया दूरबीन के जरिए होती है। रेनबो हाॅस्पिटल के निदेशक डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि हिस्टेरोस्कोपी नेचुरल ओरिफाइस ट्रासल्यूमिनल एंडस्कोपिक सर्जरी है। इसमें कोई चीर-फाड़ नहीं होती है। मरीज को दर्द से बचाने के लिए लोकल एनेस्थीसिया दी जाती है। इससे गर्भाशय की बीमारी की पहचान के साथ-साथ बायोप्सी के लिए नमूना लेना भी संभव है। यह पूरा प्रोसीजर डे केयर है। फेडरेशन आॅफ आॅब्सटेट्रिकल एंड गायनेलाॅजिकल सोसायटी आॅफ इंडिया (फाॅग्सी) की अध्यक्ष डा. जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि शादी के दो वर्ष बाद भी इच्छुक दंपति के यदि संतान नहीं होती है तो उसे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया कि देर से या अधिक उम्र में चिकित्सक के पास पहुंचने पर फिर आईवीएफ का सहारा लेना पडता है। महिलाएं व पुरूष करियर के चलते फैमिली प्लानिंग न बिगाडें। बच्चे के लिए कॅरियर का ध्यान रखने के साथ ही सही समय और उम्र देखकर प्लानिंग करनी चाहिए, जिससे बाद में आने वाली दिक्कतों से छुटकारा पाया जा सकता है। पाॅलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम पीसीओडी किशोरियों के लिए मुसीबत है। इसमें पीरियड देर से आना या फिर अधिक आने जैसी समस्या हो सकती है। इसी के चलते उनकी ओवरी में कभी-कभी सिस्ट बन जाती है, जो इंफर्टिलिटी का कारण बन जाती है।
एंडोमेट्रिओसिसः इलाज में न करें देरी
भुवनेश्वर से आए डा. बिजोय नायक ने एंडोमेट्रिओसिस के बारे में जानकारी दी। कहा कि एंडोमेट्रिओसिस महिलाओं में हार्मोनल इम्बेलेंस के कारण होने वाली ऐसी बीमारी है, जो दर्द, अनियमित मासिक धर्म के साथ बांझपन जैसी गंभीर समस्याओं को लेकर आती है। इसकी शुरूआत होने की कोई उम्र नहीं होती। हो सकता है मासिक धर्म शुरू होने के साथ इसकी शुरूआत हो जाए या पहला बच्चा होने के बाद भी यह बीमारी हो सकती है। कई बार शुरू में महिलाएं इसे नजरअंदाज करती हैं और यही उन्हें मुसीबत में डाल देता है। जरूरी है कि इसकी सही समय पर पहचान कर इलाज शुरू कराया जाए।
एओजीएस के तकनीकी सत्र में महिलाओं की समस्याओं पर चर्चा
दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन आगरा आॅब्स एंड गायनी सोसायटी की तरफ से एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया। इसमें महिलाओं से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। कार्यशाला में चिकित्सकों ने लाइव सर्जरी के जरिए तकनीक का आदान-प्रदान किया। इस दौरान कई पैनल डिस्कशन और तकनीकी सत्र भी हुए। डा. एमसी पटेल, डा. अर्चना वर्मा, डा. निहारिका एम बोरा, डा. ऋषभ बोरा, डा. केशव मल्होत्रा, डा. निधि गुप्ता, डा. अमित टंडन, डा. आरएन गोयल, डा. अनुपम गुप्ता, डा. मनप्रीत शर्मा, डा. शैमी बंसल, डा. नीलम माहेश्वरी, डा. दीक्षा गोस्वामी, डा. शैली गुप्ता, डा. सरिता दीक्षित आदि मौजूद थे।