Agra News: 11 doctors from Switzerland took training in treating
10 year imprisonment in Pradeep Jain murder case by Agra Court
आगरालीक्स… आगरा के चांदी कारोबारी चर्चित प्रदीप जैन उर्फ बब्बे हत्याकांड में 13 साल बाद फैसला आ गया, बब्बे जिंदा है या मौत हो गई, इसे लेकर सवाल उठा था। कोर्ट ने आगरा निवासी आरोपी राम गोपाल यादव को 10 साल की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है।
2005 में चांदी के बडे कारोबारी बब्बे की हत्या का मामला
पारस कुमार जैन का आरोप था कि छोटे भाई प्रदीप कुमार जैन उर्फ बब्बे को चार मई 2005 की दोपहर तीन बजे आरोपी रामगोपाल यादव ने टेलीफोन कर अपने घर बात करने की कहकर बुलाया था। इस कारण वह अपने मित्र की बाइक से रामगोपाल यादव के घर मोहल्ला छत्ता राजाकाशी गया। प्रदीप के वापस न आने पर उसकी तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला। छह मई को वादी पारस कुमार जैन ने थाना कोतवाली पर गुमशुदगी दर्ज कराई थी। आठ मई को एक व्यक्ति ने बताया कि चार मई को नाला पीपलमंडी की पुलिया पर इंडिका कार से प्रदीप कुमार जैन को रामगोपाल यादव, उनके भाई राधेश्याम यादव व अन्य बिठाकर ले जा रहे थे। गाड़ी को रामगोपाल चला रहा था। वादी की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ थाना कोतवाली में धारा 364 के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई। दौरान विवेचना यह तथ्य सामने आया कि प्रदीप कुमार जैन की हत्या कर दी गई है।
मैनपुरी में मिला था शव
पुलिस को 13 मई कोग्राम बधरिका बसावन थाना एलाऊ जिला मैनपुरी में एक क्षत-विक्षत शव मिला था, इसे प्रदीप जैन का बताया गया था, शव को पोस्टमार्टम के लिए आगरा लाया गया। डॉक्टरों ने शव के एक हिस्से में प्रेस से जले का निशान मिलने के बाद परिजनों से शिनाख्त कराई थी लेकिन बब्बे की मौत को लेकर सवाल उठते रहे। अदालत ने 35 पृष्ठीय निर्णय में लिखा है कि रामगोपाल के अलावा शेष चार आरोपियों का घटना में शामिल होने का साक्ष्य केवल आरोपी रामगोपाल ने पुलिस कस्टडी पर आने के बाद दिया गया बयान है। इस आरोपी का पूर्व में दिया गया बयान इसके विपरीत है। अदालत ने लिखा कि बब्बे की लाश बरामद होना संदेह से परे साबित नहीं होता है, लेकिन जो साक्ष्य आया है, उसके आधार पर बब्बे को रामगोपाल द्वारा अपने घर से ले जाकर अपहृत करने का साक्ष्य विश्वसनीय है। आज तक बब्बे का पता नहीं चला। इस कारण निश्चित रूप से यह माना जाएगा कि बब्बे का अपहरण रामगोपाल द्वारा उसे जान से मारने की नीयत से किया गया। आरोपी ने बब्बे को विश्वास में लेकर अपने पास बुलाया था और हत्या के आशय से उसका अपहरण किया। अपर जिला जज सुनील कुमार मिश्र ने अपहरण के आरोप में आरोपी रामगोपाल यादव निवासी छत्ता को दस वर्ष कैद एवं 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं हत्या एवं साक्ष्य नष्ट करने के पांच आरोपियों राधेश्याम यादव, नरेंद्र कुमार वर्मा, चक्रेश कुमार यादव, राकेश यादव व अनूप तिवारी निवासी फिरोजाबाद को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।