90 thousand stray dogs in Agra, Municipal Corporation will run a campaign for them…#agranews
आगरालीक्स..आगरा में 90 हजार आवारा कुत्ते. इनकी जिम्मेदारी भी लोगों की. इनके खिलाफ क्रूरता दंडनीय अपराध. अब नगर निगम करेगा इनके लिए चलाएगा ये अभियान….(Street dogs in Agra)
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के निर्देश पर श्वानों के साथ होने वाली क्रूरता की घटनाओं को रोकने के लिए नगर निगम स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाएगा। अभियान का शुभारंभ स्वतंत्रता दिवस पर किया जाएगा। अभियान में नगर निगम का सहयोग कैस्पर होम नाम का एनजीओ करेगा। अभियान को मेयर हेमलता कुशवाह हरी झंडी दिखाएंगी। (Nagar Nigam Agra)
पशु कल्याण अधिकारी डाक्टर अजय सिंह के अनुसार अक्सर देखने में आता है कि लोग स्ट्रीट डोग के प्रति बहुत ही क्रूरता का व्यवहार करते हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने एबीसी रुल 2023 में श्वानों के लिए नई गाइड लाइन जारी की हैं। इसके अनुसार श्वानों को खाना खिलाना आरडब्ल्यूए या स्थानीयनिकाय का उत्तर दायित्व है। अतः किसी के द्वारा श्वानों को खाना खिलाने से वंचित नहीं किया जा सकता। कालोनी में आवारा पशुओं के लिए पर्याप्त भोजन पानी व विश्राम करने की जगह का उचित प्रबंध करना सभी नागरिकों का कर्तव्य है। एबीसी रुल 2001 और 2023 के अनुसार किसी भी श्वान को उसकी कालोनी व क्षेत्र से हटाया नहीं जा सकता है। उन्होंने बताया कि आगरा नगर निगम द्वारा चलाये जा रहे पशु जन्म नियंत्रण एबीसी कार्यक्रम के माध्यम से आवारा श्वानों की नसबंदी और टीका करण करके नगर निगम द्वारा उन्हें वापिस उन्हीं के क्षेत्रों में छोड़ा जाता है। (campaign for Street Dogs in Agra)
इसके अलावा किसी भी आवारा व पालतू पशु से क्रूरता तथा पशु सेवकों को प्रताड़ित करना दंडनीय अपराध है। यदि किसी भी स्थान पर किसी पशु से क्रूरता हो रही हो या पशु सेवक को प्रताड़ित किया जा रहा हो तो निकटतम पुलिस स्टेशन तथा नगर निगम को सूचित किया जा सकता है। पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि अभियान के संबंध में कैस्पर होम ट्रस्ट की संचालिका विनिता अरोरा से बात हो चुकी है। उनेंने बताया कि अगर स्ट्रीट डोग को समय पर भोजन पानी मिले तो वे किसी को नहीं काटते हैं। समय पर भोजन पानी व अत्यधिक गर्मी के मौसम छांवदार जगह न मिलने के कारणा वे चिड़चिड़े होकर काटने लगते हैं।
नगर में है लगभग 90 हजार आवारा श्वान
पशु कल्याण अधिकारी के अनुसार नगर में आवारा श्वानांे की संख्या लगभग 90 हजार है। इनमें से अब तक लगभग 50 हजार की नसबंदी कर उन्हें उन्हीं के इलाकों में छोड़ा जा चुका है। इसके अलावा रैबीज का टीका भी लगाया जा रहा है। टीकाकरण लगातार तीन साल तक चलेगा। साल में एक बार ही टीका लगाया जाता है। नगर निगम आवारा श्वानों को पकड़कर रेणुका धाम स्थित अपने एनीमल बर्थ सेंटर पर लाता है। नसबंदी के बाद चार दिन वहां रखकर उन्हें उन्हीं स्थानों पर छोड़ दिया जाता है जहां से उनको पकड़ा गया था।