आगरालीक्स…आगरा मेें दो दिन बाद दवाई पर महंगाई, जहां 800 दवाएं एमपीपीए की मंजूरी से महंगी होंगी तो वहीं जेब पर भी पड़ेगा कोरोना का असर क्योंकि हो सकती हैं अन्य दवाएं भी महंगी…
सात दिनों में छह दिन पेट्रोल—डीजल के दाम बढे हैं। अब दवाई पर महंगाई के लिए भी तैयार रहना होगा। स्थापनीय दवा कारोबारियों की माने तो आम आदमी पर पडने वाला दवाओं पर महंगाई का यह संकट जितना दिखता है उससे बडा भी हो सकता है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण् प्राधिकरण एमपीपीए द्वारा 800 दवाओं पर मूल्य वृद्धि को मंजूरी दे दी है, दूसरी ओर कोरोना भी एक बार फिर जेब पर असर डालने को तैयार है। दवा विक्रेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची में शामिल 800 दवाओं के अलावा चीन मे लगे लॉकडाउन की वजह से अन्य व जेनेरिक दवाएं भी महंगी हो सकती हैं। आगरा मे

आगरा महानगर कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष शर्मा ने बताया कि चीन पर दवाओं के निर्यात की ज्यादा निर्भरता होने की वजह से इसका असर अब भारत में दवाओं के आयात पर भी पडेगा। दवाओं के ज्यादातर सॉल्ट चीन और उजबेकिस्तान से आते हैं। चीन में कोरोना की चौथी लहर का कहर शुरू हो गया है, कई शहरों में लॉकडाउन भी लग गए हैं। आशीष ने बताया कि एमपीपीए की मंजूरी के तहत महंगी होने जा रही दवाओं का असर सीधे आम आदमी पर पडेगा। वहीं दूसरी दवाएं चीन में कोरोना फैलने और लॉकडाउन की वजह से महंगी हो सकती हैं। इसके अलावा रूस—यूक्रेन युद्ध का बडा असर पहले ही बाजार पर है, जिससे दवाओं की आपूर्ति भी अछूती नहीं है। इससे साफ है कि पहले से महंगाई के बोझ तले दबी आम जनता पर बोझ बढने वाला है। महज दो दिन बाद महंगाई बम अब स्वास्थ्य मोर्चे पर फूटने वाला है।
बता दें कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण् प्राधिकरण एमपीपीए ने 800 आवश्यक दवाओं के दाम में 10.76 फीसदी तक इजाफे की मंजूरी दी है। यह अब तक की सबसे अधिक बढोत्तरी है। इसके तहत दर्द निवारक, विभिन्न संक्रमणों, हृदय, किडनी, लिवर से जुडी 800 आवश्यक दवाएं नए वित्त वर्ष में 10.76 प्रतिशत तक महंगी हो जाएंगी। यह बढी हुई दरें एक अप्रैल 2022 से लागू होंगी। मरीजों के लिए ये उपयोगी दवाएं राष्टीय आवश्यक औषधि सूची के तहत मूल्य नियंत्रण में रखी जाती हैं।