आगरालीक्स…आगरा के सेंट पीटर्स कॉलेज को 175 साल पूरे हो गए हैं. शैक्षणिक कैलेंडर का किया विमोचन..जानिए सेंट पीटर्स की स्थापना से लेकर अब तक का पूरा इतिहास
आगरा के सेंट पीटर्स कॉलेज की स्थापना को 175 वर्ष पूरे हो गए हैं. इस उपलक्ष्य में आज सेंट पीटर्स के वर्ष 2022—23 के शैक्षणिक सत्र के लिए कैलेंडर का विमोचन किया गया. मुख्य अतिथि प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी रहे. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन एवं स्वागत गीत से किया गया. इस दौरान वर्ष 1846 से लेकर अब तक की कॉलेज की उपलब्धियां को बताया गया. एक वीडियो का भी प्रसारण किया गया जिसमें 175 वर्ष के पूर्ण होने पर इस कॉलेज की ऐतिहासिक और गौरवमयी समीक्षा दर्शायी गई. कैलेंडर को विशेष रूप देने में प्रधानाचार्य फादर एंड्रयू कोरिया, उप प्रधानाचार्य फादर सन्तीश एंटनी, डॉ. एपी एंटनी, शरद उपाध्याय, सूजी एंटनी, मि. प्रजी वर्गीज का सहयोग रहा. इस अवसर पर मैनेजर फादर इग्नेशियश मिरांडा, हैड मिस्ट्रेस सिस्टर थेरेसिलेट, फादर प्रकाश डिसूजा, फादर डॉननिक जार्ज, जॉन पाल, रोहित नैयर, हर्ष महाजन उपस्थित रहे. कार्यक्रम कासंचालकन सूजी एंटनी, आरती वर्मा एवं जेनिफर ने किया.

1846 में हुई थी स्थापना
सेंट पीटर्स कॉलेज आगरा की स्थापना 1846 में डा. एन्टनी जोजफ वोर्गी ओ०सी० तत्कालीन आर्चविशप आगरा के द्वारा की गयी थी. यह संस्थान आर्चडाइसिस आगरा के स्वामित्व में असहाय क्रिश्चियन अल्पसंख्यकों हेतु क्रियान्वित है एवं काउन्सिल फॉर इन्डियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन नई दिल्ली से सम्बद्ध है. सेन्ट पीटर्स कॉलेज 1841 में प्रारंभिक समय में आवासीय विद्यालय के रूप में संचालित था. 1846 में, यह अपने यथार्थ स्वरूप में आया एवं इसी वर्ष सेन्ट पीटर्स कॉलेज का स्थापना वर्ष भी मनाया गया. यह संस्थान 1857 की आजादी की प्रथम क्रान्ति का साक्षी रहा एवं तत्पश्चात बदलाव की बयार में भी शरीक रहा. 1870 के समय कॉलेज को तत्कालीन निरीक्षकों से काफी प्रशंसा प्राप्त हुई, जहां यह कहा गया कि यह विद्यालय इंग्लैण्ड और यूरोप के समकालीन विद्यालय से कोई भी प्रतिकूल तुलना सहन नहीं करेगा.” इसी वर्ष विद्यालय को प्रथम प्रवेश परीक्षा के लिए कोलकाता के विश्वविद्यालय से संबद्ध किया और तत्पश्चात ‘ कॉलेज’ की उपाधि दी गयी. सेंट पीटर्स कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करना, स्वयं में गर्व की अनुभूति थी एवं रूड़की अभियान्त्रिक कॉलेज एवं अन्य सरकारी संस्थानों में आसान एवं आश्वस्त प्रवेष हेतु ख्याति के शिखर पर था.

आजादी के बाद दिया युवा पीढ़ी जागरूकता के प्रति योगदान
आजादी के बाद कॉलेज ने अपनी शिक्षा व्यवस्था एवं पाठ्य सहगामी गतिविधियों को पुनः संरचित किया गया एवं राष्ट्र निर्माण और युवा पीढ़ी जागरूकता के प्रति अपना योगदान देता रहा. 1962 में छात्रों के अंतिम बैच ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित केंब्रिज विश्वविद्यालय की परीक्षा दी और 1963 के बाद से “इन्डियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन की संबद्धता को कियान्वन में लाया गया. 1977 में 10+2 शिक्षा प्रणाली प्रयोग में लाई गयी. पिछले 25 वर्षों में हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों ने ISC एवं 1CSE की परीक्षाओं में उच्च कोटि का स्थान प्राप्त किया है और कॉलेज का नाम रोशन किया है. प्रधानमंत्री पुरस्कार एवं राज्यपाल स्वर्ण पदक भी हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों को अनेकानेक बार प्रदान किय गये हैं.
वेल्स के राजकुमार, कनॉट के शासक तक आ चुके हैं विद्यालय में
कॉलेज की उच्च प्रतिष्ठा के कारण ही कई गणमान्य और प्रतिष्ठित व्यक्ति यहां अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं. इनमें वेल्स के राजकुमार, एडिनबर्ग के शासक लार्ड हेली, जनरल कॉलिन्स, लेफ्टिनेट गर्वनर मेक्डोनल एवं लेफ्टिनेंट गर्वनर सर जॉन मेस्टन, कनॉट के शासक एवं शासिका, लॉर्ड लिटन, सर अल्फेड लायल, लॉर्ड रिपन, लॉर्ड नार्थब्रुक, सर जॉन स्ट्रेची आदि प्रमुख हैं. खेल जगत के गणमान्य व्यक्ति जिनमें अजीत वाडेकर, विजय हजारे, मदन लाल, कपिल देव, अजय जडेजा, मुरली कार्तिक, नयन मोंगिया, मोहम्मद कैफ, पीटी ऊषा, भूतपूर्व टेनिस खिलाडी मंजीत सिंह दुआ, ओलंपिक पदक विजेता राजवर्धन राठौर, भूतपूर्व हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद अन्तर्राष्ट्रीय भारत्तोलन कर्णम मल्लेश्वरी भारतीय महिला क्रिकेट खिलाडी दीप्ति शर्मा एवं पूनम यादव, पद्मश्री विजेता एवं क्रिकेट खिलाड़ी हरभजन सिंह, अन्तर्राष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी दलीप सिंह राना (खली), भारतीय क्रिकेट खिलाडी दीपक चाहर आदि संस्थान में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं. बॉलीवुड के सितारे जैसे किशोर कुमार, सुनील दत्त, राजबब्बर, जैकी श्राफ, राहुल रॉय, भूतपूर्व I.P.S अफसर किरन बेदी, भूतपूर्व एयर मार्शल ए० के० सिंह, एयर ऑफीसर कमांडिंग पश्चिमी कमान, परम श्रद्धेय पोप के द्वारा नियुक्त भारत और नेपाल के राजदूत तथा उनके द्वारा नियुक्त डा० अगस्टीनो कासिविलियन, सल्वातोर पिनाकियो, डा० ग्यामवटीस्टा डीक्वाट्रो, डा० पेड्रो लोपेज क्विटाना, डा० लियोपोल्डो गिरैली नेपाल के राजदूत शिव शंकर मुखर्जी, सेकेट्री रक्षा मंत्री रंजीत इस्सर, अफगानिस्तान के भूतपूर्व राष्ट्रपति हामिज करजाई ने भी संस्थान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.

संत टेरेसा भी आई हैं कॉलेज में
संत टेरेसा ने भी कॉलेज में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. यहाँ शैक्षिणक पाठ्यक्रम के अतिरिक्त पाठ्य सहगामी गतिविधियों जैसे खेल, वाद-विवाद, भारतीय एवं पाश्चात्य संगीत नाटकीय मंचन, तैराकी, और योग पर भी प्रमुखता से ध्यान केन्द्रित किया जाता है.
हमारे विद्यार्थियों ने इन सभी आयामों में सदैव सेंट पीटर्स विद्यालय का नाम रोशन किया है और हमारे विद्यार्थियों ने इन सभी आयामों में सदैव सेट पीटर्स विद्यालय का नाम रोशन किया है और अपनी कुशाग्र प्रतिभा का परचम लहराया है. यह अपने पुराने समय से ही उदारता के साथ-साथ कार्यों में भी कॉलेज, राष्ट्र निर्माण, मानवीय कल्याण एवं उदारता के साथ आर्थिक सहायता के कार्यों में समय-समय पर अपना योगदान देता रहा है. विद्यालय के भूतपूर्व छात्रों ने देश के अनेक भागों एवं दूरस्थ स्थानों में जाकर वहाँ अपनी योग्यता प्रतिभा एवं प्राप्त शिक्षा का परचम लहराया है और संसार में अपनी प्रभुता स्थापित की हैं। वर्तमान प्रधानाचार्य श्रद्धेय फादर एन्ड्रयू कोरिया जी के नेतृत्व और निर्देशन में कॉलेज दिन-प्रतिदिन अपनी कीर्ति और प्रसिद्धि को अपने पुराने समय की तरह आज भी फैला रहा है और प्रगति के पथ पर अग्रसर है.