आगरालीक्स…गर्मी में एनर्जी और इम्यूनिटी बूस्टर चाहिए तो नूडल्स छोड़कर खाएं सत्तू. आगरा में रसोई रत्न ‘सत्तू’ ताजगी, शुद्धता, गुणवत्ता और स्वाद का अनोखा संगम. पढ़ें इसके फायदे
दो मिनट फटाफट नूडल्स के दौर में हम अपने पारंपरिक और सेहत प्रदान करने वाले खान—पान से दूर होते जा रहे हैं. सत्तू देश का पारंपरिक खाद्य है, लेकिन हाईटेक युग में इसकी पहचान खोती जा रही है. अधिक सुलभ और झटपट तेयार होने वाला सत्तू अनेक खाद्यान्नों का मिश्रण है, जिसके अनेकों फायदे हैं. गर्मी में तो यह रामबाण की तरह काम करता हे. बशर्ते नियमित इस्तेमाल किया जाए. रसोई रत्न के एमडी राजेश अग्रवाल से बात की तो उन्होंने सत्तू के महत्व पर प्रकाश डाला. गर्मियों से राहत पाने के लिए लोग ठंडी जगहों में रहने से लेकर ठंडी चीजों के सेवन के अलग—अलग तरीके आजमाते हैं, साथ ही अपनी डाइट में बदलाव करके ठंडी चीजों को शामिल करना नहीं भूलते हैं. या यूं समझ लीजिए खोलो, घोलो और पीलो, इसी कड़ी में आप सत्तू को भी अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं. ग्रामीण बुजुर्ग तो आज भी सत्तू का प्रयोग करते हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में इसका चलन काफी कम दिखाइर् देता है.
आजकल बच्चे शहर के बाहर पढ़ने या कोचिंग के लिए हॉस्टल, गेस्ट हाउस में रहते हैं. खाने की अधिक आवश्यकता रहती है जिसमें वह जंक फूड का सेवन करके अपना पैसा और सेहत दोनों खराब करते हैं. ऐसे में सत्तू बहुत कारगर उपाय है. आप सत्तू में बूरा, तगार आदि मिलाकर बस खोलो, घोलो और पीलो का सिद्धांत अपना सकते हैं. ये मल्टीग्रेन अनाजों का मिला हुआ मिश्रण है तथा सेहत के लिए बहुत लाभदायक है. फाइबर के साथ पिसने के करण ये शहरी की आंतों में जगा गंदगी को भी साफ रखता है. आप इसमें घी, बूरा, तगार मिला कर इसके लड्डू भी बना सकते हैं. सेहत भी स्वाद भी दोनों की पूर्ति हो जाती है.
सत्तू के परांठे भी बनते हैं
सत्तू के परांठे भी बनते हैं, हरी मिर्च और अन्य कच्चा मसाला मिलाने के बाद लोई में भरकर परांठे भी सेके जाते हैं, जिसे घर से दूर जाने पर ले जाया जा सकता है. इससे न तो गर्मी असर करेगी और न ही लू.
अक्षय तृतीया पर बिहारी जी को लगाएं सत्तू का भोग
22 अप्रैल को अक्षय तृतीया है. इस दिन का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. गर्मियों में पड़ने वाली इस अक्षय तृतीया पर बांके बिहारी जी को अधिकतर सत्तू का ही भोग लगाया जाता है. श्रद्धालुओं की भावना यह है कि उनके लाड़ले को गर्मी में किसी प्रकार की परेशानी न हो. ठाकुरजी को अक्षय तृतीया से एक महीने तक सत्तू भोग परोसा जाएगा.
सत्तू के फायदे
- पेठ को रखता है ठंडा
चने का सत्तू जहां फाइबर, आयरन और प्रोटीन जैसे तत्वों से भरपूर होकर शरीर में पोषण की कमी पूरी करने में मदद करता है तो वहीं पेट को ठंडा रखकर सत्तू शरीर को गर्मी के कहर से भी बचाने में असरदार है. - पेट की बीमारियां करता है दूर
गर्मियों में जहां कई लोगों को खाना पचाने में काफी दिक्कत होती है, तो कुछ लोगों के लिए कब्ज, एसिडिटी ओर पेट दर्द की समस्या आम हो जाती है. सत्तू का सेवन करके आप इन परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं. रोज सुबह खाली पेट सत्तू खाने से आपका पेट ठंडा रहता है और पेट से जुड़ी बीमारियों से भी राहत मिलती है. - वजन घटाने में सहायक
वजन घटाने के लिए लोग कम डाइट लेते हैं इससे शरीर में भी कमजोरी आने लगती है. इसीलिए सत्तू का सेवन शरीर में पोषक तत्वों की कमी पूुरी करता है. वहीं सत्तू का पेस्ट बनाकर खाने या ड्रिंक पीने से पेट भी भरा रहता है और भूख का अहसास कम होता है.
आगरा में रसोई रत्न का रिटेल आउटलेट:— बी—194, मेन मार्केट, कमला नगर आगरा