Agra Gastro Liver Centre Education Initiative : Indigestion is a Feeling or Symptom of disease #agra
आगरालीक्स… बदहजमी बीमारी नहीं आभास है, जब भी आपका पेट असामान्य व्यवहार करता है तब आपको ये आभास होता है, आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर का एजूकेशन एनीशिएटिव, वरिष्ठ गेस्ट्रोएंट्रोलाजिस्ट डाॅ. समीर तनेजा ने बताया, कई बार जिसे आप बदहजमी का लक्षण समझ रहे हैं वो दूसरी बीमारी की ओर इशारा करता है, आप इसे रोक सकते हैं अगर आप वो जानें जो
आगरा में पेट को लेकर जो शिकायतें लोग करते हैं उनमें बदहजमी लगभग हर किसी को परेशान कर रही है। कभी न कभी आपने भी यह शिकायत अपने डाॅक्टर से, घर में या आॅफिस में किसी न किसी से कही होगी। कई बार किसी सलाह पर घरेलू नुस्खे या सेल्फ मेडिटेशन भी किया होगा। आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर के इस एजूकेशनल एनीशिएटिव में आज शहर के जाने-माने गैस्ट्रोएंटरोलाॅजिस्ट डाॅ. समीर तनेजा से जानें कि बदहजमी जिसे इनडाइजेशन, डिस्पेप्सिया, अपसेट टमी भी कहा जाता है वास्तव में है क्या ?
बदहजमी बीमारी नहीं बल्कि एपिगैस्ट्रियम में असामान्य व्यवहार का अनुभव है
डाॅ. समीर ने बताया कि जहां तक बदहजमी का सवाल है विज्ञान ऐसा मानता है कि कोई भी डिस्कंफर्ट या अनफकंफर्टेबिल फीलिंग आपको नाभि के उपर है तो इसे बदहजमी माना जाता है। नाभि से ऊपर का हिस्सा वैज्ञानिक भाषा में एपिगैस्ट्रियम कहलाता है। इसी में जब कोई डिस्कंफर्ट है तो उसे आप बदहजमी कहेंगे। जहां तक इनडाइजेशन का सवाल है तो यह मूल रूप से यह एक अनुभव है जिसे हम बीमारी समझते हैं। वैज्ञानिक नजर में यह किसी बीमारी का नाम नहीं है। नाभि के ऊपरी हिस्से में जो ब्लोटिंग का अनुभव होता है उसे वास्तव में बदहजमी की श्रेणी में रखा जाता है।
हर किसी का अनुभव अलग हो सकता है
बदहजमी की बात करें तो अलग अलग लोगों का इसके बारे में अनुभव अलग हो सकता है। किसी को जलन, किसी को पेट फूलने, किसी को पेट फूलने जैसा सेंसेशन हो सकता है। यह जरूरी नहीं है कि बदहजमी की शिकायत आपको रोज हो। यह जो समस्या है आपको रोज हो सकती है, कभी-कभी हो सकती है। ये अपने आप भी हो सकती है और लाइफस्टाइल की वजह से भी हो सकती है।
कई बार लक्षण बदहजमी के होते हैं लेकिन कोई दूसरी बीमारी हो सकती है
कभी ऐसा भी हो सकता है कि डस्पेप्सिया का सिम्टम खाने की थैली या इस एरिया से जुड़ा ही न हो। अगर आपको छोटी आंत में कोई समस्या है तो भी आपको भारीपन की फीलिंग आ सकती है। गाॅल ब्लैडर में स्टोन की वजह से भी भारीपन की फीलिंग आ सकती है। ज्वाइंडिस होने वाली है, लिवर के कुछ डिस्फंक्शन हैं तो भी भारीपन की फलिंग आ सकती है। मतलब साफ है कि डिस्पेप्सिया सीधा-सीधा खाने की थैली से जुड़ा लक्षण नहीं है बल्कि यह दूसरी बीमारियों की ओर भी इशारा हो सकता है। अगर सभी तरह की जांचों के बाद भी कुछ डायग्नोज नहीं होता है तो वास्वत में यह आपकी लाइफस्टाइल, आपकी आदतों की वजह से होता है। विज्ञान ऐसा मानता है कि अगर ऐसा डिस्पेप्सिया जिसमें आपकी सभी रिपोर्ट नाॅर्मल आ रही हैं तो इसे थोड़ी बहुत जीवनशैली में बदलाव से भी ठीक किया जा सकता है।
लक्षण
खाना-खाने के दौरान पेट में भारीपन, नाभि के उपर के हिस्से में दर्द या खिंचाव का अनुभव, कभी कभी नाभि के उपर के हिस्से में जलन या बर्निंग का सेंसेशन होता है। कभी खाने के बाद पेट अचानक से फूलने लगता है।
सीने में जलन बदहजमी नहीं है
सीने में जलन बदहजमी का लक्षण नहीं है। अगर आपको सीने में जलन होती हो तो साफ है कि खाने की नली के नीचे का जो वाॅल्व है वो ढीला हो गया है और पेट से होकर एसिड खाने की नली तक आ रहा है। वैज्ञानिक भाषा में इसे जीईआरडी (गैस्ट्रो इसोविजर रिफलक्स डिजीज) कहा जाता है।
डाॅक्टर से संपर्क जरूरी है
अगर बिना किसी कारण वजन कम हो रहा हो, अगर भूख लगातार कम होती चली जा रही है। अगर आपको लगातार उल्टियां आती चली जा रही हैं। अगर उल्टी में कभी खून आए। अगर मोशन में ब्लड आए। अगर खाना अटकता महसूस होता है। अगर लगातार खून की कमी होती चली जा रही है।
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