आगरालीक्स…आगरा की महिला उद्यमियों ने शहीद स्मारक पर दिया धरना. आरोप—करोड़ों की जमीन दंबगों ने कब्जाई. सीएम पोर्टल पर भी लगाई न्याय की गुहार…
दबंगई करोड़ों की जमीन कब्जाए बैठें हैं। आला अधिकारियों से लेकर धुरंधर नेताओं तक न्याय की गुहार लगा ली। लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही। सही माजरा क्या है, सब जानते हैं। इसलिए सिर्फ आश्वासन देकर टरका देते हैं। अब पीडित महिला उद्यमियों ने सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। आज शहीद स्मारक पर परिवारीजनों संग धरना दिया और शासन से न्याय की मांग की, अन्यथा दबंगईयों के कब्जाने से बेहतर है कि शासन खुद अपने नाम जमीन की रजिस्ट्री करा ले।
मामला बाग फरजाना निवासी व लोकतंत्र सैनानी परिवार की महिला जूता उद्यमी पल्लवी महाजन व नीना महाजन की करोड़ों की सम्पत्ति 444 कोहरई टोल प्लाजा है। आरोप है कि राजीव चौहान पुत्र रामवरन चौहान की जमीन 3810 मीटर सम्पत्ति का सौदा 2 करोड़ 10 लाख में किया। लेकिन उन्होंने पीछे की 1922 मी. की रजिस्ट्री एक करोड़ में कर दी व आगे की 1888 मी. के 85 लाख रुपए महिला उद्यमियों से लेने के बावजूद रजिस्ट्री किसी दूसरे नाम रजिस्ट्री कर दी। पैसे वापस मांगने पर दबंगई कोर्ट से पैसा वसूलने की धमकी देने लगा।
आरटीओ ऑफिसर रहने के कारण दबंगई की पहुंच ऊपर तक थी, इसलिए मामले में एफआर लगवा दी गई। पीछे की जगह में हमने कोल्ड स्टोर व जूते की फैक्ट्री (सिद्धी विनायक शू कम्पनी) शुरु की। कोल्ड स्टोर को रफीक अहमद को किराए पर दे दिया। किराया समय पर न देने के कारण उसने हमसे सेल एग्रीमेंट कर लिया कि बैंक से लोन कराकर जगह की रजिस्ट्री करा लूंगा। लेकिन उसने न तो किराया दिया न ही जगह की रजिस्ट्री कराई। लॉकडाउन के दौरान जूते की फैक्ट्री व सभी मशीनों पर भी कब्जा कर लिया। कोर्ट में मामला पहुंचा तो वह कुछ जगह पर स्टे आर्डर ले आया और बाहर पूरी जगह का खुद मालिक होने का बोर्ड लगा दिया। जगह खाली करने की कहने पर धमकिया देता है। महिला उद्यमियों ने बताया कि इमरजेंसी दौर में उनके परिवार के 26 सदस्यों में से 13 को जेल भेज दिया गया गया। संघ परिवार से जुड़े होने को बावजूद पिछले 2 वर्ष से न्याय के लिए भटक रहे हैं। आला अधिकारियों से लेकर धुरंधर नेताओं के पास गए। सब दस्तावेज व प्रमाण होने के बावजूद आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
अब सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल से व्यापार ठप पड़ा है। उधर दबंगई हमारा मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न कर रहे हैं। लाखों रुए केस लड़ने में खर्च हो गए। आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। न्याय नहीं मिला तो हमारा परिवार आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उच्चस्तरीय जांच कराकर न्याय की गुहार लगाई है। अन्यथा दबंगई के बजाय शासन उनसे जगह जी निशुल्क रजिस्ट्री करा ले।