आगरालीक्स…आगरा में जूता व्यापारियों के साथ जीएसटी अधिकारियों ने की बैठक. एमनेस्टी योजना के बारे में बताया. कहा— 2017 से 2020 तक के जीएसटी ब्याज व जुर्माना होंगे माफ
2017 से 2020 तक के जीएसटी के ब्याज व जुर्माना मामलों में फंसे व्यापारियों के लिए खुशखबरी है। सरकार द्वारा लाई गई एमनेस्टी योजना में व्यापारी 2017-18-19 व 2020 के वर्षों के कर निर्धारण में जुर्माना और ब्याज मांफी पा सकेंगे। जीएसटी अधिकारियों द्वारा आज हींग की मंडी स्थित द आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन कार्यालय में जूता व्यापारियों संग बैठक आयोजित कर एमनेस्टी योजना की विस्तृत जानकारी दी। योजना एक जनवरी 2025 से प्रारम्भ होकर 31 मार्च 2025 तक चलेगी।
फैडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने जीएसटी अधिकारियों (एडिशनल कमिश्नर जीएसटी ग्रेड-1 मारुति शरण चौबे, एडीशनल कमिश्नर जीएसटी ग्रेड-2 अंजनेय अग्रवाल, डिप्टी कमिश्नर मृत्युन्जय, अरुण श्रीवास्तव, वीके सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर मिश्रा जी) का स्वागत करते हुए अधिक से अधिक व्यापारियों को इस योजना का लाभ उठाने का संदेश दिया। साथ ही व्यापारियों से कहा कि अपने बही खाता को इस तरह से व्यवस्थित और स्पष्ट रखें कि आने वाली पीढ़ी को भी इसकी सही व सरलता से जानकारी हो सके। डिप्टी कमिश्नर मृत्युन्जय ने अधिकारियों को जानकारी देते हुए बताया कि एमनेस्टी जनकल्याणकारी योजना व जीएसटी क्रांतिकारी कानून है। आप व्यापार करने के साथ घर बैठे-बैठे रिटर्न फाइल कर सकते हैं। सब ऑनलाइन सिस्टम है।

बताया कि यदि कम्पनी या फार्म पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं तो सभी व्यापारी सात वर्षों तक के खाते सुरक्षित रखें। यदि किसी वर्ष में कोई विवाद है तो उस वर्ष के खाते बी सुरक्षित रखने होंगे। विभाग द्वारा या पोर्टल पर व्यापारी पिछले 7 वर्ष से पहले तक के वर्षों की एनओसी भी प्राप्त कर सकता है। इस अवसर पर व्यापारियों ने अपनी समस्याएं भी अधिकारियों के सामने रखीं व उनका निदान भी पाया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रमोद महाजन, गोवर्धन सोनेजा, भीष्म लालवानी, अजय महाजन, प्रदीप सरीन, घनश्याम रोहरा, राकेश महाजन, भूपेश महाजन, प्रदीप मेहरा, प्रमोद जैन, चांद दीवान, वासु, हितेश, डब्बू, पंकज, प्रदीप सरीन, विश्वमित्र महाजन, विनोद शीतलानी आदि उपस्थित थे।
जीएसटी पोर्टल पर अपने सीए व वकील के साथ अपना नम्बर भी अंकित करें
अधिकारियों ने व्यापारियों को सलाह देते हुए कहा कि समस्या वहां ज्यादा है जहां व्यापारियों ने जीएसटी पोर्टल पर अपने सीए और वकील का नम्बर अंकित किया हुआ है। आप दो नम्बर अंकित कर सकते हैं। इसलिए समय पर विभाग द्वारा दी गई सभी जानकारी (नोटिस आदि) आपके भी प्राप्त हो सके, इसके लिए जीएसटी पोर्टल पर अपना फोन नम्बर भी अवश्य अंकित करें। सीए या वकील के व्यस्त होने पर आप खुद भी
फैडरेशन के सदस्यों ने रखीं तीन मांगे
-धारा 73 के तहत कोई व्यापारी परेशान है तो फैडरेशन द्वारा विभाग को दिए गए प्रार्थना पत्र पर जीएसटी विभाग उस समस्या का समाधान करेगा।
-स्व. राजकुमार सामा जी के नाम पर जीएसटी विभाग स्थित व्यापारी कक्ष का नाम स्व. राजकुमार सामा सभागार रखा जाए। जीएसटी विभाग ने प्रारर्थना पत्र मांगकर उसे अनुमोदित कर शासन को भेजेगा।
-व्यापारियों पर हो रहे उत्पीड़न के मुद्दे को उठाया, जिसे अधिकारियों ने गम्भीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा।