आगरालीक्स….Agra News : टीबी का इलाज है लेकिन फिर भी मौत हो रही हैं। एसएन में बना टीबी मरीजों के लिए स्पेशल आईसीयू।
एसएन के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष तथा स्टेट टास्क फ़ोर्स फॉर टीबी एलीमिनेशन, उत्तर प्रदेश के चेयरमैन प्रोफेसर गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि आज टीबी का उपचार उपलब्ध होने के बावजूद भी लगभग 12. 5 लाख मौत विश्व में टीबी के कारण होती है जिनमे से भारत में ही लगभग 26% मृत्यु टीबी से होती है।इन मौतों के विश्लेषण से पता चलता है कि अधिकांश मौत ड्रग रेजिस्टेंस ट्यूबरकुलोसिस ( एमडीआर, प्रीएक्सडीआर और एक्सडीआर) में होती है।
केंद्र एवं राज्य सरकारों के प्रयासों से आज बहुत प्रभावी उपचार इन रोगियों को निःशुल्क उपलब्ध है फिर भी इन ड्रग रेजिस्टेंस ट्यूबरकुलोसिस ( एमडीआर, प्रीएक्सडीआर और एक्सडीआर) रोगियों में उपचार से केवल 65-7o% तक ही सफलता मिलती है। अनेक रोगियो को समर्पित ड्रग रेजिस्टेंस ट्यूबरकुलोसिस रेस्पिरेटरी इंटेंसिव केयर यूनिट की आवश्यकता होती है जिससे जीवन बचाया जा सके। डा सिंह ने बताया कि एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा का पुनर्निर्मित रेस्पिरेटरी मेडिसिन वार्ड संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण (आईपीसी) उपायों के हिस्से के रूप में हेपा(एच.ई.पी.ए.) फिल्टर को शामिल करने वाला राज्य का पहला रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग है।