Agra News: It is said in Srimad Bhagwat that anger is the biggest enemy of the living being…#agranews
आगरालीक्स…क्रोध ही सबसे बड़ा शत्रु, श्रीमद्भागवत में बताया—क्रोध का साथ देना बंद कर दे आदमी तो जीवन के आधे झगड़े आज ही समाप्त हो जाएंगे.
महालक्ष्मी मन्दिर बल्केश्वर श्रीमद देवी भागवत से व्यास पीठ से व्याख्यान करते हुए बाल योगी पचौरी ने कहा जब व्यवन ऋषि ने सोम रस अश्वनी कुमारो को दिया तब इन्द्र ने मना किया जब च्यवन ऋषि नही माने तो इंद्र ने अमोध वज्र च्यवन ऋषि पर चला दिया। च्यवन ऋषि ने वज्र को पुतला बना दिया। इन्द्र चरणों मे गिर गया क्षमा याचना करने लगा। च्यवन महात्मा जी ने अपने क्रोध को कामवासना मद, मदिरापान, छल कपट ओर हिंसा मे बाँट दिया।
बालयोगी पचौरी ने कहा क्रोध बुरा नहीं है कोध को जीव का साथ मिल जाना बुरा है अगर क्रोध को जीव का साथ न मिले तो क्रोध न के बराबर रह जाता है। और मन में पैदा हुए क्रोध को जीव का साथ मिल जाये तो जीवन मे महाभारत मच जाता है। जीव अपने क्रोध का साथ देना बन्द कर दे तो जीवन के आधे झगड़े आज ही समाप्त हो जायेंगे। क्रोध अंगारा है आप जल धारा बन जाइये आप आनन्द के सागर थे आनन्द के सागर है ओर आप आनन्द के सागर ही रहोगे।