आगरालीक्स…अपने हार्ट को स्वस्थ रखना है तो आज से ही इन दो चीजों का त्याग कर दें. आगरा में जुटे देश के जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ. लोगों के लिए बताएं स्वस्थ दिल के लिए टिप्स
अगर हृदय को स्वस्थ रखना है तो अपना वजन नियंत्रित करें। तंबाकू और चीनी का पूरी तरह त्याग कर दें। फिजिकल एक्सरसाइज करें। माताएं रोज के व्यंजनों में मीठे की अधिकता ना करें। बच्चों को दूध पिलाने के लिए दूध में चीनी ना मिलाएं.. यह विचार पद्मश्री डॉ. डीके हाजरा ने शनिवार शाम होटल क्लार्क्सशीराज में हृदय रोग पर आधारित नेशनल कांफ्रेंस कार्डियोलॉजी आगरा लाइव 4.0 के अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हृदय रोग के उपचार में क्रांति आई है। अब कम खर्चे में नई औषधियां और सर्जरी की नई तकनीकें उपलब्ध हैं जो मरीजों के लिए पहले से ज्यादा कारगर हैं। इससे पूर्व मुख्य अतिथि प्रो. डॉ वीके जैन, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ. डीके हाजरा, ब्रिगेडियर गिरिराज सिंह, प्रो. वीके बहल, डॉ. मोहम्मद अहमद, डॉ. शरद पालीवाल, आयोजन सचिव डॉ. सुवीर गुप्ता और समाजसेवी वीरेंद्र गुप्ता ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर नेशनल कांफ्रेंस का शुभारंभ किया।

पहले दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों के अंतर्गत हार्ट फेल्योर में दवाइयों के इस्तेमाल पर मोहाली, पंजाब से आए डॉ. अमित गुप्ता ने कहा कि हार्ट फेल्योर के 50 फीसदी मरीज दवा के अभाव में मर जाते हैं। शेष मरीज दवाइयों का उपयोग कर जीवन रक्षा करते हैं। अपनी उम्र बढ़ाते हैं। आराम से गुजर बसर कर पाते हैं। बार-बार उन्हें अस्पताल नहीं जाना पड़ता। यहां तक कि दवाओं के सहारे मात्र 8 फीसदी हृदय की ताकत वाले मरीज भी चौथी मंजिल तक पैदल चढ़ जाते हैं। बुजुर्ग स्वयं पानी का गिलास लेने जा सकते हैं। आगरा के डॉ. विनेश जैन ने कहा कि हार्ट फेलियर के मरीजों के लिए आर्नी ड्रग रामबाण है। इसका इस्तेमाल बढ़ना चाहिए। अब इस दवा में पेटेंट हटने से इसकी आधी कीमत रह गई है और इसे हिंदुस्तानी कंपनियां भी बनाने लगी हैं। मैक्स हॉस्पिटल नई दिल्ली के डॉक्टर सुमित सेठी ने ‘हार्ट फेल्योर विद प्रिजर्व्ड इजेक्शन फ्रेक्शन’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के केस में ईको कार्डियोग्राफी में हृदय की पंपिंग नॉर्मल आती है फिर भी हार्ट फेल हो जाता है क्योंकि हार्ट की चमड़ी इस तरह के केस में कड़ी हो जाती है जो रक्त को फेफड़े की तरफ फेंक देती है। इससे सांस फूलती है। इस केस में सर्जरी नहीं की जाती। इसमें एसजीएलटी-2 इन्हेबेटर ड्रग से आराम मिल जाता है। यह दवा डायबिटीज के लिए बनी थी पर अब यह हार्ट फेल्योर के मरीजों के लिए भी कारगर है।
आगरा के डॉ. विनीत गर्ग ने भी इसी दवा के बारे में जानकारी प्रदान की। आगरा के डॉ. प्रवेग गोयल ने हृदय के बाल्व सिकुड़ने, लीक करने या कमजोर हो जाने के क्षेत्र में उपचार की नई प्रगति को साझा करते हुए बताया कि अब ओपन हार्ट सर्जरी आसान हो गई है। पैर की नस के जरिए बाल्व की मरम्मत और उसको बदलना आसान हो गया है। नई दवाइयां भी इसका बेहतर उपचार कर रही हैं। नई दिल्ली से आए डॉ. राजीव पस्सी ने हार्ट फेल्योर के निदान में नई दवाइयों के योगदान पर बोलते हुए कहा कि नई दवाएं हार्ट की पंपिंग में सुधार कर रही हैं। इनसे मरीजों का जीवन और हृदय की गुणवत्ता बेहतर हो रही है। बत्रा हॉस्पिटल दिल्ली के डॉक्टर आरडी यादव ने ‘हृदय का अनियमित रूप से धड़कना’ विषय पर बताया कि यह बीमारी उम्र बढ़ने और मोटापा बढ़ने के साथ आती है। नींद के समय सांस बंद हो जाने वाले मरीजों को यह बीमारी ज्यादा घेरती है। इसका इलाज समय रहते जरूरी है क्योंकि इसमें लकवा मारने का खतरा 5 गुना बढ़ जाता है। आजकल कैथेटर आधारित उपचार से इस बीमारी को लगभग जड़ से ठीक किया जा सकता है।
डॉ. ईशान गुप्ता, डॉ. वीके बहल और डॉ. अंकित गुप्ता ने भी अपने विचार साझा किए। डॉ. सुनील बंसल, डॉ. विजय खुराना, डॉ. अनुराग जैन, डॉ. हेमेंद्र अग्रवाल, डॉ. एससी अग्रवाल, डॉ. डीपी अग्रवाल, डॉ. केके विस्वानी, डॉ. सुभाष चंद्र गुप्ता, डॉ. राजीव किशोर, डॉ.बीके अग्रवाल और डॉ. बाइबी अग्रवाल विभिन्न तकनीकी सत्रों में चेयरपर्सन रहे। डॉ. वीएन कौशल और डॉ. प्रशांत प्रकाश ने संचालन किया। आयोजन सचिव डॉ. सुवीर गुप्ता ने देश पर से आए हुए सभी हृदय रोग विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन 17 दिसंबर (रविवार) को सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक तकनीकी सत्र होंगे। इससे पूर्व डॉ. सुवीर गुप्ता, डॉ. मृदुल चतुर्वेदी और डॉ. सिद्धार्थ अग्रवाल ने एसएन मेडिकल कॉलेज के पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों को एक वर्कशॉप के माध्यम से ईको कार्डियोग्राफी की जानकारी प्रदान की।
डॉ. मोहम्मद अहमद को दिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
नेशनल कांफ्रेंस के पहले दिन तकनीकी सत्रों के समापन पर कानपुर से आए वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट और अनेक हृदय रोग विशेषज्ञों के गुरु व प्रेरणा स्रोत डॉ. मोहम्मद अहमद को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही पद्मश्री डॉ. प्रवीन चंद्रा को एक्सीलेंस इन कार्डियोलॉजी अवार्ड भी घोषित किया गया।