आगरालीक्स…आगरा में वरिष्ठ गांधीवादी दीना नाथ तिवारी को मिला कृष्ण चंद्र सहाय स्मृति सम्मान. गांधीवादी विचारकों, समर्थकों, समाजसेवियों, साहित्यकारों, रंगकर्मी, कवि व शायरों ने अपने अंदाज में किया नमन
सत्ता व सम्पत्ति से दूर रहने वाले गांधीवादी कृष्ण चन्द्र सहाय की पंचम पुण्य तिथि पर यूथ हॉस्टल, संजय प्लेस पर रविवार को आयोजित समारोह में सहाय जी के गांधी विचार, चम्बल घाटी शांति मिशन, देहदान, जीवन भर अन्तिम व्यक्ति की मुक्ति को लेकर किये गये अविस्मरणीय व अतुलनीय योगदान पर बड़ी संख्या में गांधीवादी विचारकों, समर्थकों, समाजसेवियों, साहित्यकारों, रंगकर्मी, कवि व शायरों आदि ने हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन सहित अतिथिगणों ने इस मौके पर गांधी विचार, आचरण, गांधी सत्याग्रह को समर्पित वरिष्ठ गांधीवादी श्री दीना नाथ तिवारी को गांधी विचार के माध्यमों से की गई उनकी आविस्मरणीय एवं अतुलनीय सेवाओं हेतु फूल माला, बुके, पटका, दुशाला, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र व खादी जैकेट देकर ‘कृष्ण चंद्र सहाय स्मृति सम्मान’ से विभूषित किया।
गाँधी विचार की शक्ति से निरंतर काम करने वाले ‘श्री कृष्ण चंद्र सहाय स्मृति सम्मान’से विभूषित वरिष्ठ गाँधीवादी श्री दीनानाथ तिवारी ने अपने संदेश में कहा कि सहाय जी बड़ी से बड़ी चुनौती को सहजता से स्वीकार करने की क्षमता, हिम्मत रखने वाला व्यक्तित्व है. चाहे गोवा मुक्ति का सत्याग्रह हो, चबंल घाटी में अंहिसा का बेमिसाल प्रयोग हो, चंदनवन में चन्दन तस्कर बीरप्पन से मिलने जाने का मामला या साथियों द्वारा जीवन यापन के लिए प्राप्त सम्मान राशि को आपदाग्रस्तों को देने का निर्णय. वे जो सोचते और उसमें कूद पड़ते थे. भयंकर सर्दी,बढ़ती उम्र और डॉक्टर का लंबी यात्रा न करने की सख्त हिदायत के कारण में चाहकर भी कार्यक्रम मे उपस्थित नहीं हो पा रहा हू, इसका मुझको मलाल है. मेरा पुत्र अशोक तिवारी कार्यक्रम में मौजूद है. मैं आप सबका आभारी हू, कृतज्ञा ज्ञापित करता हूं. डॉ.अशोक शिरोमणि कहा कि उनकी वेषभूषा पहनावा अपने ही ढंग का था. सफेद खादी का बनियान रूपी जेब लगा छोटा कुर्ता, सफेद खादी की लुगी, कंधे पे खादी का थैला, साइकिल की सवारी सहाय जी की पहचान बन गई.
डॉ. कुसुम चतुर्वेदी ने कहा सहाय जी की पारदर्शिता ऐसी की हर साल अपना खाता सार्वजनिक करते. सभी का आभार व्यक्त करते, शुक्रिया अदा करते, सबकी खेर खबर लेते. डॉ. मधु भारद्वाज ने कहा किसी के कष्ट को दूर करने में अपनी ताकत से बाहर जाकर भी हर तरह की मदद करने को सदैव तर्त्पर रहते. उनकी नजर में कोई दूसरा था ही नहीं. सभी अपने थे. उन्होंने गाँधी को पहले आत्मसात किया फ़िर समाज को संदेश दिया। महिला शांति सेना की प्रमुख वत्सला प्रभाकर ने कहा की सहाय जी बताते थे कि गांधी जी कहा करते थे कि लापरवाही अज्ञानता से भी ज्यादा घातक है, हानिकारक है.उनके जीवन में लापरवाही का कोई स्थान नहीं था। सहाय जी की पुत्री मधु सहाय जोशी द्वारा आभार एवं हरीश ‘चिमटी’ द्वारा कार्यक्रम का संयोजन, नियोजन व संचालन किया गया।
डॉ अशोक शिरोमणि, आगरा पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष महेश शर्मा ,बलदेव भटनागर, अमीर अहमद ,सपा नेता धर्मेंद्र यादव गुल्लु, सलीम शाह,गौरव यादव, अशफाक,राम नरेश, समाजसेवी वत्सला प्रभाकर ,बासुदेव जैसवाल, सुनील गोस्वामी, राजीव अग्रवाल,ममता पचौरी, वचन सिंह सिकरवार, शिवराज यादव , सैयद मेहमूद उज्जमा, सीमन्त साहू, कल्पना शर्मा, जी एस मनराल,आदर्श नंदन , डा. गिरजा शंकर ,दिव्या शर्मा ,नीलम शर्मा, नेहा माथुर , रोहित रावी,महेश सक्सेना, प्रतिभा स्वरूप, शैलजा,डा.असीम आनंद , नसरीन बेगम , आभा चतुर्वेदी , शंभू चौबे, शमीआगाई, नीरज स्वरूप , अश्वनी शिरोमणि, अमरीश पटेल , डाक्टर मुनीश्वर गुप्ता , डाक्टर शशि तिवारी, बिल्लो राम बाल्मिकी , राजीव अग्रवाल , डाक्टर प्रदीप श्रीवास्तव भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।