आगरालीक्स…आगरा में श्रीकृष्ण लीला शताब्दी वर्ष महोत्सव 5 नवंबर से, मुकुट पूजन एवं गणेश जी की सवारी से होगा शुभारंभ. इस बार 100 वर्ष पूर्ण कर रही है श्रीकृष्ण लीला
बृज की धरा एक बार पुनः पावन होगी, जब आगरा की हवाओं में गूंजेंगे श्रीकृष्ण कालीन प्रसंग और लीलाओं का होगा मंचन। 5 नवंबर से 100 वर्ष से चली आ रही परंपरा श्रीकृष्ण लीला का एक बार फिर शुभारंभ भव्यता के साथ होगा। सोमवार को बल्केश्वर स्थित श्रीकृष्ण गौशाला प्रांगण में बने लीला मंच पर श्रीकृष्ण लीला समिति द्वारा श्रीकृष्ण लीला शताब्दी वर्ष महोत्सव 2024 के आमंत्रण पत्र का विमोचन किया गया।
अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष 5 नवंबर से 18 नवंबर तक श्रीकृष्ण लीला शताब्दी वर्ष महोत्सव का आयोजन रहेगा। प्रथम दिन मुकुट पूजन के बाद गणेश जी की सवारी वाटरवर्क्स से बेलनगंज, दरेसी, कचहरी घाट, रावत पाड़ा, जौहरी बाजार आदि क्षेत्र से निकाली जाएगी। मुख्य अतिथि विधायक पुरुषाेत्तम खंडेलवार मुकुट पूजन करेंगे।
महामंत्री विजय रोहतगी ने बताया कि इस बार महोत्सव 14 दिवसीय रहेगा। 6 नवंबर को कंस की दुहाइ के बाद 7 नवंबर से लीला मंचन आरंभ होगा। भक्त और भगवान की लीलाओं का मंचन भी पहली बार मंच पर किया जाएगा, जिसमें काले खां, मदन मोहन लील, नरसी भात आदि लीलाएं होंगी। उन्होंने बताया कि 17 नवंबर को टी सीरीज फेम गायक भजन संध्या की प्रस्तुति देंगे। 18 नवंबर को हवन पूजन के बाद स्वरूपों को विदा किया जाएगा।
आमंत्रण पत्र विमोचन के साथ वरिष्ठ पत्रकार आदर्श नंदन गुप्त द्वारा संपादित पत्रिका लीलांजली का विमोचन भी किया गया। पत्रिका में दैनिक आयोजन की सारणी दी गयी है। इस अवसर पर गिर्रार्ज बंसल, संजय गर्ग, लीला संयोजक शेखर गोयल, बृजेश अग्रवाल, केसी अग्रवाल, आदर्श नंदन गुप्त, तनुराग गोयल, नरेंद्र अग्रवाल, अशाेक गोयल, अनूप गोयल, प्रभात रोहतगी, विष्णु अग्रवाल राधे राधे, कैलाश खन्ना, विनीत सिंघल, आशीष रोहतगी, राजेंद्र गुप्ता, धर्मेंद्र चौधरी, मीडिया प्रभारी तनु गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
श्रीकृष्ण लीला में ये होगा पहली बार
अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि श्रीकृष्ण लीला का क्योंकि ये शताब्दी वर्ष महोत्सव है इसलिए आयोजन को भव्यता प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। काले खां, मदन मोहन लीला, नरसी का भात, बांके बिहारी प्रागट्य लीला एवं फूलों की होली, तुलासी चरित्र एवं डांडिया, भजन संध्या के आयोजन प्रथम बार होंगे।
इस तरह होगा लीलाओं का मंचन
05 नवंबर− श्रीमुकुट पूजन एवं गणेश जी सवारी।
06 नवंबर− कंस की दुहाई
07 नवंबर− देवकी वसुदेव विवाह एवं श्रीकृष्ण जन्मलीला
08 नवंबर− नंदोत्सव, मयूर नृत्य एवं पूतना उद्धार लीला
09 नवंबर− श्रीकृष्ण बलराम गौचरण यात्रा एवं काले खां, मदन मोहन लीला
10 नवंबर− नरसी का भात
11 नवंबर− गिर्राज पूजन, अन्नकूट एवं गोवर्धन लीला
12 नवंबर− बांके बिहारी प्रागट्य लीला एवं फूलों की होली
13 नवंबर− तुलसी चरित्र
14 नवंबर− अक्रूर गमन, कंस वध एवं आतिशबाजी।
15 नवंबर−श्रीकृष्ण बलराम की दिव्य शाेभायात्रा।
16 नवंबर− द्वारिकापुरी रुक्मणि मंगल विवाह लीला
17 नवंबर− भजन संध्या
18 नवंबर− हवन लीला एवं स्वरूपों की विदाई