आगरालीक्स…आगरा के डॉ० एमपीएस वर्ल्ड स्कूल में नॉर्थ ईस्ट के स्टूडेंट्स ने साझा किए जीवन दर्शन पर अपने विचार
डॉ एमपीएस वर्ल्ड स्कूल में अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन के अंतर्गत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आगरा महानगर ब्रज प्रांत द्वारा राष्ट्रीय एकात्मक यात्रा का कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें नॉर्थ ईस्ट के 28 विद्यार्थियों के समूह ने शिरकत की। सर्वप्रथम विद्यालय के अध्यक्ष स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह ने विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, समाजसेवी पूरन डावर, पवन आगरी, राहुल चौधरी और मनोज नीखरा को पुष्पगुच्छ और प्रतीक चिह्न भेंट कर उनका आदर व स्वागत किया। तत्पश्चात नॉर्थ ईस्ट से आए सभी विद्यार्थियों को अतिथियों द्वारा उन्हें उपहार, अंग वस्त्र व प्रतीक चिह्न देकर उनका सम्मान किया गया।
गणेश वंदना और दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भारतीय संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए। जिसमें विद्यार्थियों ने नाटक के माध्यम से भारतीय संस्कृति की एकता को दर्शाया। उपस्थित सभी लोगों ने करतल ध्वनि से बच्चों का मान बढ़ाया। नॉर्थ ईस्ट से आए विद्यार्थियों ने भी भारतीय संस्कृति व पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति के महत्व को दर्शाया और नॉर्थ ईस्ट के हथकरघा वस्त्र और लकड़ी की नक्काशी के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने असम के सत्रिया नृत्य और मणिपुर के रासलीला भारतीय शास्त्रीय नृत्य को भी किया।
इस अवसर पर विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने उपस्थित सभी लोगों को देश की अखंडता और एकता पर अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में एकता और अखंडता केवल विचार नहीं बल्कि जीवनशैली है। यह संस्कृति हमें सिखाती है कि विविधता हमारी ताकत है और सभी मतभेदों के बावजूद हम एकजुट रह सकते हैं। यदि हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखें और मिलकर कार्य करें तो भारत और अधिक सशक्त और समृद्ध बनेगा।
राहुल चौधरी ने भी देश प्रेम और राज्यों की एकता के बारे में बताते हुए कहा कि भारतीय दर्शन में संपूर्ण विश्व को एक परिवार मानने की परंपरा रही है। यह विचारधारा देश के लोगों को भी एकता के सूत्र में बाँधने का कार्य करती है।
विद्यालय के अध्यक्ष स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह ने भारतीय संस्कृति और पूर्वोत्तर राज्यों की एकता के बारे में उपस्थित सभी समूह को संबोधित करते हुए कहा कि नॉर्थ ईस्ट की संस्कृति भारतीय संस्कृति का एक अनमोल हिस्सा है। दोनों के बीच कई समानताएँ हैं जैसे विविधता में एकता, लोककला, आध्यात्मिकता और उत्सवों की समृद्धि। पूर्वोत्तर की परंपराएँ और रीति-रिवाज न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत बनाते हैं बल्कि यह भी दिखाते हैं कि भले ही भारत में कई भाषाएँ और संस्कृतियाँ हों लेकिन उसकी आत्मा एक ही है इसलिए हमें इस क्षेत्र की समृद्ध परंपराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि भारत की सांस्कृतिक विरासत और अधिक मजबूत हो सके।
विद्यालय की प्रधानाचार्य राखी जैन ने उपस्थित सभी अतिथियों और नॉर्थ ईस्ट से आए सभी विद्यार्थियों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर डीन एकेडमिक्स एच एल गुप्ता, डीन एडमिनिस्ट्रेटर चंद्रशेखर, समन्वयक योगी चाहर, रोहित कुलश्रेष्ठ, पायल गर्ग, अदिति सिंह, भावना जादौन, अंकित कुमार, प्राची यादव, दिव्या खंडेलवाल, डॉ मुकेश राय सहित विद्यालय के शिक्षक उपस्थित रहे। मंच का संचालन शिवांशी सोलंकी और अर्पित शर्मा ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।