आगरालीक्स…युवा अपना रोल मॉडल हनुमान जी को बनाएं. परिवारों में मूल्य होने चाहिए, परंपराएं होनी चाहिए। दिखावा नहीं हो…बल्केश्वर महादेव मंदिर में श्रीराम कथा का हुआ विश्राम
बल्केश्वर नाथ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित श्रीराम कथा में मंगलवार को मानस मर्मज्ञ विजय शंकर मेहता ने कहा कि जगह-जगह जो कथाएं हो रही हैं, वे तो एक बहाना हैं। कथाओं का जो मुख्य उद्देश्य है, वह है घरों को बचाना, यानि परिवारों की परंपरा को कायम रखना। उनमें आपसी प्रेम, सद्भावना, शांति का संदेश देना। श्रीराम कथा के अंतिम दिन मेहता ने उत्तर कांड की चर्चा की। जिसका सूत्र उन्होंने समर्पण बताया। कहा कि हमारी कथा का उद्देश्य था हनुमान चालीसा को एक महामंत्र के रूप में स्थापित करना। युवा अपना रोल माडल हनुमान जी को बनाएं। पूजा-पाठ से पाखंड समाप्त हो। उन्होंने कहा कि परिवारों में छोटी-छोटी बातों से रिश्ते खराब हो रहे हैं। सभी के अपने-अपने ख्यालों की एक बस्ती है। सबका अपना-अपना समंदर है। लेकिन अपनापन नहीं है। सभी अपने-अपने में मस्त हैं। उन्होंने कहा कि परिवारों में मूल्य होने चाहिए, परंपराएं होनी चाहिए। दिखावा नहीं हो।

मेहताजी ने कहा कि हर व्यक्ति की जीवन उत्तर कांड यानि जीवन का अंतिम काल आता है। एसे में व्यक्ति को समर्पण भाव रखने चाहिए। परिवार, समाज, देश के लिए समर्पित हो जाना चाहिए। वृद्धावस्था में उलट फेर, तेरे, मेरे के चक्कर को छोड़ देना चाहिए, तभी अंतिम काल को सुख के साथ जीया जा सकता है।
हम किसी न किसी स्वार्थ से भगवान से जुड़ जाते हैं। भगवान भी पूरा करते हैं, लेकिन बाद में भगवान को ही भूल जाते हैं। यह गलत है। उन्होंने कहा कि बचपन की सरलता चली गई, कुटिलता बढ़ गई। उम्र के गणित से नाबालिग हैं, लेकिन डिजीटल मीडिया ने जवान बना दिया। युवाओं का जीवन सक्रियता पर आधारित होना चाहिए, लेकिन वे भोग में लग गये। प्रौढ़ अवस्था में समझ होना चाहिए, दोनों पीढ़ियों सामंजस्य रखना चाहिए। इसी प्रकार वृद्धावस्था में समर्पण होना चाहिए। पूजन करने वालों में कैलाश चंद गुप्ता,अजय गुप्ता,मंजु गुप्ता,अमन गुप्ता शिवशंकर महेश्वरी, रेखा महेश्वरी ।