आगरालीक्स…आगरा के शास्त्रीपुरम और ताजनगरी में बनाई जाएं चौड़ी सड़कें..नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तरह मुख्य मार्ग सिक्स लेन और छोटे मार्ग फोर लेन हों. पूर्व कैबिनेट मंत्री ने दिए विकास के सुझाव
पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने दिए सुझाव
आगरा विकास प्राधिकरण की शास्त्रीपुरम और ताजनगरी फेज-दो योजना नगर निगम को हैंडओवर किए जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजा अरिदमन सिंह ने दोनों क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए एक विज्ञप्ति जारी कर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। राजा अरिदमन सिंह ने कहा है कि शास्त्रीपुरम और ताजनगरी के लिए जब योजना बनाई जा रही थी तभी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की मदद लेनी चाहिए थी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तरह मुख्य मार्ग सिक्स लेन और छोटे मार्ग फोर लेन होने चाहिए थे।
सेंट्रल डिवाइडर हों पतले, स्नेक प्लांट लगाएं
उनका कहना है कि फोरलेन के मार्गों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसें नहीं चल सकतीं। यहां तो ऑटो, मयूरी, रिक्शा, स्कूटर आदि वाहन चलने से ट्रैफिक जाम रहता है। बसावट और वाहन बढ़ने पर जाम की समस्या और बढ़ेगी। वाहनों की संख्या बढ़ने से प्रदूषण भी बढ़ेगा। धूल के कण और वाहनों से उत्सर्जित धुएं से कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ेगा जो मनुष्य और पर्यावरण के लिए घातक है। इसलिए अब नगर निगम द्वारा जहां-जहां संभव हो, वहां मार्गो को चौड़ा किया जाए। सेंट्रल डिवाइडर को पतला किया जाए और वहां पर स्नेक प्लांट जैसे पौधे लगाए जाएं जो वाहनों के धुएं में से निकलने वाली हानिकारक गैसों को अवशोषित कर सकें।
अंडरग्राउंड पाइप लगाकर हो वर्षा जल संचयन
उन्होंने सुझाव दिया है कि सड़कों पर दिल्ली की तरह अंडर ग्राउंड पाइप लगाकर वर्षा जल संचयन किया जाना चाहिए ताकि सड़कों से बरसात के पानी की निकासी होती रहे और जलभराव की समस्या से सबको मुक्ति मिल सके। उन्होंने पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ बनाए जाने का सुझाव भी दिया।
उन्होंने कहा है कि दोनों ही क्षेत्रों में पीपल, नीम, जामुन जैसे वृक्षों का सघन रोपण किया जाना चाहिए। इनसे तापमान कम होगा। प्रदूषण नियंत्रित होगा। धूल के कण भी हवा में कम होंगे तो विश्व स्तरीय स्मारक ताज पर भी खतरा कम होगा। उन्होंने कहा है कि वे इस संबंध में नगर आयुक्त और महापौर के साथ-साथ एडीए वीसी को पत्र लिखेंगे। साथ ही उन्होंने पार्षद से लेकर विधायक और सांसद सहित सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि वे भी इस संबंध में प्रशासन का ध्यान आकर्षित करें।