आगरालीक्स…रोजाना शराब पीने वाले ध्यान दें, अधिक शराब पीने से लिवर से ज्यादा नुकसान होता है शरीर के इस अंग को. महिलाओं के जिम जाने, थॉयराइड और रसौली के बारे में भी डॉक्टरों ने दी अहम जानकारियां
आगरा के होटल जेपी में चल रहे एसीकॉन-2024 में आज कार्यशाला के चौथे दिन वेन्ट्रल हर्निया, डैमेज कंट्रोल सर्जरी, जनरल सर्जरी, टॉक इन ट्रामास कॉमन बाइल डक्ट स्टोन्स द ऑप्शन, इकॉनमिक चैलेन्जेस फेस्डइन द रूलर सर्जरी सेट अप जैसे विषयों पर देश-विदेश के जाने माने सर्जन्स ने चर्चा की। साथ ही शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सर्जरी की सुविधाएं पहुंचाने के प्रयासों पर मंथन किया गया। 14 दिसम्बर को कार्यशाला का समापन होगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से आयोजन समिति के अध्यक्ष एसके मिश्रा, सचिव अमित श्रीवास्तव, समीर कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा आदि उपस्थित थे।
ज्यादा शराब पीने से पैंक्रियाज में सूजन
एमजेएम मेडिकल कालेज, औरंगाबाद के डॉ. राजेंद्र शिंदे ने बताया कि अत्यधिक शराब पीने से लिवर से ज्यादा नुकसान पैंक्रियाज को हो रहा है। इससे पैंक्रियाज में सूजन आ जाती है। इसका कोई इलाज नहीं है, इंसुलिन बनना कम हो जाता है। इसके ठीक ना होने पर शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होने लगते हैं और मरीज मल्टीपल आर्गन फेल्योर में चला जाता है इससे मौत तक हो जाती है।
महिलाओं में बढ़ी थायराइड की बीमारी
केरला से आए डॉ. प्राजन ने बताया कि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन से थायराइड की समस्या बढ़ी है। अनुवांशिक कारण से नवजात में भी थयराइड कैंसर मिल रहा है। जिन लोगों में थायराइड के कैंसर की समस्या है वे परिवार के सदस्यों की जेनेटिक प्रोफाइल करा लें जिससे समय से कैंसर होने का पता चल सकता है। वहीं, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में केंसर ज्यादा है, थायराइड के 80 प्रतिशत मरीज महिलाएं हैं। इसमें दवाएं लेनी होती हैं, जिन मरीजों में कैंसर होता है, थायराइड का आकार बढ़ जाता है, उनकी सर्जरी कर थायराइड को निकाल दिया जाता है।
उत्तर भारत में एक लाख में छह को पित्त की थैली का कैंसर
वाराणसी से आए डॉ. पुनीत ने बताया कि उत्तर भारत में पित्त की थैली और कैंसर की समस्या ज्यादा है। एक लाख लोगों में छह में पित्त की थैली का कैंसर मिल रहा है, इस क्षेत्र में पानी में हैवी मैटेरियल हैं, खानपान के कारण भी समस्या बढ़ रही है। पित्त की थैली के कैंसर की सर्जरी में लिवर का हिस्सा भी निकाल दिया जाता है।
मीनोपॉज के भ्रम में बढ़ रहे रसौली के मामले
मुजफ्फरनगर की डॉ. नूतन जैन ने बताया कि लगभग 45-52 वर्ष की उम्र में मीनोपॉज के कारण ब्लीडिंग होने का भ्रम रसौली के मामलों में इजाफा कर रहा है। बताया कि ज्यादातर महिलाएं इस उम्र में अधिक ब्लीडिंग को इस कारण नजरअंदाज कर देती हैं कि यह मीनोपॉज के कारण हैं। वहीं मल्टीपल साथी और असुरक्षित सेक्स के कारण युवा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसल के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं बच्चेदानी के कैंसर का मुख्य कारण हार्मोनल डिसआर्डर है, जिसकी वजह महिलों का शारीरिक श्रम से लगातार दूर होना है।
जिम की जगह घर के काम करने से बेहतर कोई व्यायाम नहीं
डॉ. नूतन ने बताया कि घर के काम खुद करने वाली महिलाओं में अपेक्षाकृत हार्मोनल डिसर्आडर कम देखने को मिलते हैं। अक्सर महिलाएं वजन बढ़ने पर घर के काम काज करने के बजाय जिम जाना ज्यादा पसंद कर रही हैं। लेकिन जिम में तेजी के साथ घटाया गया वजनह जिम छोड़ने पर उतनी ही तेजी के साथ बढ़ता भी है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक है। घर के काम करने से बेहतर कोई व्यायाम नहीं है। कहा कि मोबाइल को जितना सम्भव हो सके अपने शरीर से दूर रखें और सोते समय अपने पास मोबाइल न रखें।
ब्रज की कला संस्कृति से भी देश विदेश के सर्जन्स हो रहे रू-ब-रू
हर रोज कार्यशाला स्थल पर ब्रज की कला और संस्कृति के रंग भी बिखर रहे हैं। ब्रज के गीतों पर नृत्य और श्रीरादा व कृष्ण की भक्ति के सतरंगी रंगों में विभिन्न प्रांतों के व विदेशी सर्जन्स रंगे नजर आए। कुछ देर ठहर कर हर कोई श्रीराधा कृष्ण के स्वरूपों के साथ फोटो खिंचा रहे हैं तो कुछ साथ में थिरक रहे हैं।