आगरालीक्स…‘यार बिना चेन कहां रे…, संगीतकार बप्पी दा का आधी रात को (OSA) बीमारी से निधन हो गया। मोटे लोगों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है, जानें इस बीमारी के बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट
69 साल के संगीतकार, प्लेबेक सिंगर, गीतकार बप्पी लाहिरी का मंगलवार रात को मुंबई के क्रिटिकेयर हॉस्पिटल में निधन हो गया। डॉक्टरों ने मौत का कारण (OSA) यानी आब्सट्रक्टिव स्लीप एपनीया बताया है। यह बीमारी मोटापे से पीड़ित लोगों में तेजी से फैल रही है। मोटे लोग, जिन्हें ह्रदय रोग भी है उनकी ओएसए से मौत हो रही हैं।
सांस लेने में रुकावट है (OSA)
एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह बताते हैं कि आम भाषा में सांस लेने में रुकावट (OSA) है। गले के आस पास मसल्स होती हैं। मुटापे से सांस लेने का रास्ता सकरा हो जाता है, ऐसे केस में गले के पास की मसल्स कमजोर हो जाएं तो किसी भी समय सांस लेने का रास्ता बंद हो सकता है। इसी स्थिति को (OSA) कहते हैं। यह अक्सर रात को सोते समय होता है, उस समय व्यक्ति नींद में होता है। जैसे ही सांस लेने का रास्ता बंद होता है, वह सांस लेने के लिए प्रयास करता है। लेकिन जिन लोगों का फेंफड़ा और ह्रदय कमजोर है, कुछ ही देर में ऐसे मरीजों में दिमाग में आक्सीजन की कमी होने लगती है वे बेहोशी की हालत में पहुंच जाते हैं। इसके बाद भी आक्सीजन न मिल पाए तो मौत हो सकती है।

मोटापा है एक बड़ा कारण
आगरा के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. राजीव पचौरी बताते हैं कि (OSA) का एक बड़ा कारण मोटापा है। मोटापे से पीड़ित लोगों में अक्सर यह समस्या देखने को मिलती है। गले के आस पास की मसल्स कमजोर होने पर लोग खर्राटे भी लेते हैं, नींद बहुत आती है क्योंकि आक्सीजन कम मिलती है। ऐसे केस में स्लीप स्टडी कराई जाती है जिससे स्पष्ट कारण पता चल जाता है।
सर्जरी से लेकर डिवाइस लगाकर किया जाता है इलाज
(OSA) के मरीजों में सांस की नली के पास के रुकावट को देखा जाता है। यह एनाटामी यानी गले की बनावट के कारण है तो सर्जरी की जाती है। ऐसा नहीं है तो एक डिवाइस दे दिया जाता है, जिससे डिवाइस के प्रेशर से गले के आस पास की मसल्स रास्ते को बंद नहीं करती हैं और सांस सही तरह से फेंफड़ों तक पहुंच जाती है।