आगरालीक्स…आगरा की कोई दावत हो और उसमें स्वाद चौबे जी मसालों का न हो, ऐसा हो नहीं सकता. 112 सालों से शहर में स्वाद की पहचान बना हुआ है चौबे जी मसाला. चौथी पीढी तक पहुंचा स्वाद की सफलता का यह सफर जानिए कैसे तय हुआ…
दाल के मसाले से शुरू हुआ व्यवसाय
वर्ष 1908 में स्व. वैद्य पंडित रामगोपाल चतुर्वेदी ने दाल का मसाला भारत में पेश किया था. उन्होंने मसाले को पीसने, मिक्स करने और पैक करने का काम खुद ही संभाला. गुणवत्ता में उन्होंने कोई समझौता नहीं किया, यही कारण है कि अपने शुरुआती सालों में ही चौबे जी के दाल मसाले को अपनी पहचान मिलना शुरू हो गई. वर्ष 1937 में पंडित रामगोपाल चतुर्वेदी के गुजरने के बाद उनके पुत्र पंडित महेश पहलवान ने अपने पिता की जिम्मेदारी को बखूबी संभालना शुरू किया. उन्होंने इसका स्वाद हर घर तक पहुंचाने का जिम्मा संभाला. वे खुद इस मसाले के प्रचार में लगे. बेहतरीन गुणवत्ता होने के कारण उनके मसाले को और अधिक पहचान मिलना शुरू हो गई. चौबे जी के ये मसाले आज हर घर, हर शादी और हर जश्न में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं.
शुद्धता और गुणवत्ता आज भी बरकरार
वर्तमान में परिवार की तीसरी और चौथी पीढ़ी मिलकर इस काम को संभाले हुए है. 108 साल पहले मसाले की जो शुद्धता और गुणवत्ता थी वह आज भी बरकरार है. वर्तमान पीढी ने व्यवसाय को और ऊंचाई पर ले जाने का काम किया है. यही कारण है कि आज चाट मसाला, गरम मसाला, चना मसाला, कसूरी मैथी, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, मिर्च पाउडर, अमचूर, जीरा, अजवाइन और सौंफ सहित 50और वेरिएंट भी पेश किए गए हैं.
विश्वसनीयता रखी कायम
सिकंदरा के यूपीएसआईवीमी के साइट-बी बी-2, डी-7 स्थित चौबे जी कंपनी एफएसएसएआई से प्रमाणित है. कंपनी फूड इंडस्ट्री के लिए निर्धारित सभी मानकों पर खरी उतरती है. मसाला बनाने की प्रक्रिया में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाता है कि पूरी प्रक्रिया के दौरान फूड ग्रेड मैटेरियल का ही उपयोग हो. चौबे जी कंपनी आईएसओ 22000 से मान्यता प्राप्त है.
हमारी अपनी एक अलग पहचान है. हमने हमेशा शुरू से ही शुद्धता और विश्वसनीयता को कायम रखा है. हमें आगरा से भरपूर प्यार मिला है और हम इसको कम नहीं होने देंगे. हमारे मसालों की शुद्धता हर घर तक जाए, यही हमारा उददेश्य है.
विकास चतुर्वेदी चौबे जी एंड संस