आगरालीक्स(10th August 2021 Agra News)… आगरा में मंदिरों के बाहर सपेरे कोबरा लेकर बैठे थे। छापा मारा और मुक्त कराए कोबरा सांप। भूखे थे सांप, सिल दिया गया था मुंह।
सपेरे उठाते हैं लाभ
जुलाई के अंत में सावन का महीना शुरू हो गया। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद शुभ है, जिन्हें सांपों के भगवान के रूप में भी जाना जाता है। इस महीने के हर सोमवार को सावन का सोमवार के रूप में जाना जाता है। इसका विशेष महत्व है क्योंकि भक्त इस दिन उपवास रखते हैं या आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिरों में आते हैं। सांपों के साथ भगवान शिव के संबंध और लोगों की श्रद्धा का मज़ाक उड़ाते हुए और उसका लाभ उठाते हुए सपेरे अक्सर भक्तों को सांपों के प्रदर्शन और आशीर्वाद के वादे के साथ लुभाते हैं।
संयुक्त अभियान चला कर 24 सांप मुक्त कराए
सावन का तीसरा सोमवार कल था। ऐसे में वाइल्डलाइफ एसओएस और यूपी वन विभाग ने मंदिरों के बाहर अभियान चलाया। कैलाश महादेव, बल्केश्वर मंदिर, मन:कामेश्वर महादेव मंदिर, राजेश्वर मंदिर और रावली मंदिर के बाहर छापा मारा। सपेरों से 24 सांपों को मुक्त कराया। इनमें 16 कोबरा, 4 रैट स्नेक और 4 कॉमन सैंड बोआ थे। बाद में वाइल्डलाइफ एसओएस की रेस्क्यू फैसिलिटी में स्थानांतरित कर दिया गया।
भूखे थे सांप
सभी सांप भूखे और निर्जलित स्थिति में मिले। इसमे एक गैर-विषैले प्रजाति का सांप – रैट स्नेक भी पाया गया, जिसका मुंह सिल दिया गया था। यह कल्पना भी नहीं की जा सकती कि यह सांप कितने लंबे समय से बिना किसी भोजन या पानी के तड़प रहे होंगे।
रैट स्नेक के मुंह से हटाए टांके
वाइल्डलाइफ एसओएस के पशु चिकित्सकों ने तुरंत रैट स्नेक के मुंह से टांके हटाये और सभी सांपों को हाइड्रेट किया। फिलहाल वाइल्डलाइफ एसओएस प्रत्येक सांप का इलाज कर उनका निरीक्षण कर रहा है। यह निर्धारित करने के लिए की क्या वे अपने प्राकृतिक आवास में छोड़ने के लिए पर्याप्त फिट हैं या नहीं।
दर्द के कारण रैट स्नेक आक्रामक था
वाइल्डलाइफ एसओएस के पशु-चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ इलियाराजा ने कहा कि मुंह सिला हुआ रैट स्नेक दर्द के कारण आक्रामक व्यवहार का प्रदर्शन कर रहा था। हमने सावधानी से टांके हटा दिए हैं। कोई भी जानवर इस तरह के बर्बर व्यवहार का हकदार नहीं है।