नई दिल्लीलीक्स…(9 July 2021 Agra News) देश में समान नागरिक कानून बनाने का सही मौका. कोर्ट ने कहा—देश धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठ चुका है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया कानून जरूरी
देश में लम्बे समय से समान नागरिक कानून बनाने की मांग को दिल्ली हाईकोर्ट ने जरूरी बताया है. कोर्ट ने तलाक के एक मामले में फैसला देते हुए कहा है कि देश में समान नागरिक कानून बनाने का यह सही मौका है. दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा है कि आज हिन्दुस्तान धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठ चुका है. आधुनिक भारत में धर्म और जाति की सीमाएं धीरे—धीरे खत्म हो रही है. इस बदलाव की वजह से शादी और तलाक में दिक्कत आ रही है. आज की युवा पीढ़ी को इन दिक्कतों से जूझना नहीं चाहिए. इसलिए देश में यूनीफार्म सिविल कोड लागू होना चाहिए. अनुच्छेद 44 में समान नागरिक कानून की जो उम्मीद जताई गई थी, उसे अब उम्मीद की बजाय हकीकत में तब्दील कर देना चाहिए. यह टिप्पणी दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एस सिंह ने तलाक के एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए तब दी जब यह सवाल उठ खड़ा हुआ कि फैसला हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत दिया जाए या मीणा जन जाति के नियम के अनुसार पति हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत फैसला चाहता था जबकि पत्नी मीणा जाति से आती है और वह मीणा जनजाति के नियमानुसार.