आगरालीक्स…’रामजी की गुड़िया’ या ‘रानी गुड़िया’…याद है आपको. चमकीले लाल रंग और मखमली त्वचा वाली. कभी इसी मौसम में दिखाई देती थी, लेकिन अब….
आज से कुछ 20 साल पहले बरसात के मौसम में एक कीड़ा नजर आता था. चमकीले लाल रंग और मखमली त्वचा वाली इस छोटे से कीड़े को देखकर बच्चे खुश हो जाते थे. इसे हाथ में लेते थे और इसके साथ खेलते थे. कोई इसे भगवान की गुड़िया, कहता था कोई राम जी की गुड़िया तो कोई रानी गुड़िया. कई नामों का यह कीड़ा जमीन में पाये जाने वाला कीट है जो अपने चमकीले लाल रंग से पहचाने जाते हैं. कुछ लोग इन्हें मकड़ी समझने की भूल कर बैठते हैं.
अलग—अलग नाम
राजस्थान में इन्हें बूढ़ी माई तो छत्तीसगढ़ में इन्हें रानी कीड़ा कहते हैं. ओड़ीशा में साधव बाव तो उत्तर भारत यनी हमारे यहां रामजी की गुड़िया, भगवान की बुढ़िया कहा जाता है. तेलुगु में अरुद्र, तमिल में पट्टु पापाती कहते हैं. हरियाणा में इन्हें तीज के नाम से जाना जाता है. ये कीड़ा बारिश के समय कच्ची मिट्टी, खेत की मेड़ों और घास में दिखाई देता था.