Eating with hand beneficial for health explain Dietician Dr Renuka Dang, Agra
आगरालीक्स…आपने कई बार कहा और सुना होगा, हाथ से खाने का अलग ही मजा है, लेकिन सिर्फ स्वाद ही कारक नहीं है, इसके अनगिनत फायदे हैं डायटीशियन डाॅ. रेणुका डंग से तार्किक कारण भी जानिए, चम्मच और कांटा छोड़ देंगे.
आगरा में डाॅ. रेणुका डंग लोगों के खाने, खाने के तौर-तरीके, स्वाद, मात्रा और उससे होने वाले फायदे या नुकसान पर रिसर्च करती हैं। इससे बीमारियों के इलाज और वजन कम करने में मदद मिलती है। इस बार उनके तर्क सुनेंगे तो आप छह तरह की चम्मच और कांटों के साथ भोजन की अपनी वेस्टर्न रेस छोड़ देंगे। हम अक्सर कहते रहते हैं कि हाथ से खाने का अलग ही मजा है, लेकिन सिर्फ स्वाद ही कारक नहीं है बल्कि तार्किक कारण भी हैं। डाॅ. रेणुका डंग ने इसके वैज्ञानिक और धार्मिक रहस्यों को भी उजागर किया है।
डाॅ. रेणुका डंग ने कहा कि पृथ्वी, वायु, आकाश, अग्नि और जल। इन्हीं पांच तत्वों में जीवन उर्जा है और इनकी उपस्थिति हमारी पांचों उंगलियों में हैं। अंगूठे में अग्नि, तर्जनी में वायु, मध्यमा में आकाश, अनामिका में पृथ्वी और सबसे छोटी उंगली जल का प्रतीक मानी गई है। जब हम हाथ से खाना खाते हैं तो उंगलियों से बनने वाली मुद्रा पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करती है। इससे भोजन में अलग ही स्वाद का अहसास होता है और अनेक फायदे होते हैं। हाथों में नर्व एंडिंग्स होती हैं। जब हम हाथ से खाना खाते हैं तो नर्व एंडिंग्स ब्रेन को मैसेज देती हैं कि खाना आ रहा है। ब्रेन हमारी सभी इंद्रियों को सक्रिय कर देता है और स्वतः ही एंजाइम, जूसिज आदि खाने को पचाने वाले सभी रसायन बनना शुरू हो जाते हैं। डाॅ. रेणुका ने कहा कि जरा सोचकर देखिए कि इन्हीं हाथों से हम कितने काम करते हैं। हमारे हाथ दिन भर के कामों में कई बार धूल, मिट्टी या गंदगी के संपर्क में भी आते हैं, लेकिन शरीर के दूसरे अंगों की तरह यह कभी संक्रमित नहीं होते। इसकी वजह है कि हमारे हाथों का एक नेचुरल फ्लाॅरा है, जो बहुत खूबसूरत है और साथ ही इसमें गुड बैक्टीरिया की मौजूदगी है। इसलिए बैक्टीरिया, वायरस, फंगल समेत कई तरह के वार हमारे हाथों पर होते हैं, लेकिन इन्हें कुछ नहीं होता। यह हमारे शरीर के सबसे शक्तिशाली अंग हैं। जब हम हाथों से खाना खाते हैं तो हमारी इम्युनिटी भी हाई होती है। बीमारियां फैलाना तो दूर यह कई तरह की बीमारियों की रोकथाम करता है, डायबिटीज मरीजों के लिए तो अत्यंत लाभकारी है। बशर्ते कुछ भी खाने से पहले आप अपने हाथों को साबुन से धोकर अच्छी तरह साफ कर लें। इसके अलावा हाथों से खाना हमें संतुष्ट भी करता है, जबकि चम्मच या कांटे से खाने पर आपका पेट भले ही भर जाए लेकिन नीयत नहीं भरेगी। हाथ से खाने पर हमारा ब्रेन मैसेज फाॅरवर्ड करता है कि हम क्या खा रहे हैं, शरीर उसी तरह के एंजाइम तैयार करता है। चम्मच से खाने पर आपकी जीभ जल सकती है, लेकिन हाथ से खाने पर ऐसा नहीं होता क्योंकि आपके हाथ उसके तापमान का अहसास कराते हैं। इससे हमें खाने की प्रकृति कि हम क्या खा रहे हैं और उसमें उपयुक्त मिर्च-मसालों का भी आभास हो जाता है। खाना हमेशा सीधे हाथ से ही खाना चाहिए।