आगरालीक्स…श्रावण मास का पहला सोमवार कल। व्रत और नियमों का पालन कैसे करें। शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कैसे करें पूजा-अर्चना।
भोलेनाथ की पूजा-अर्चना का खासा महत्व
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा के मुताबिक सावन के पवित्र माह की शुरुआत हो चुकी है। हिन्दू धर्म में सावन के महीने में विशेष रूप से भोलेनाथ की पूजा अर्चना को ख़ासा महत्व दिया जाता है।
आठ सोमवार व्रत रखने का शुभ संयोग
इस बार श्रावण मास अधिक मास के रूप में भी पड़ रहा है अतः अबकी बार भगवान भोलेनाथ के भक्तों को आठ सोमवार व्रत रखने का शुभ संयोग मिलेगा जिससे शिव भक्तों की ज्यादातर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी
सावन सोमवार व्रत विधि
व्रत तीसरे प्रहर तक रखा जाता है
सावन सोमवार का व्रत दिन के तीसरे प्रहर यानी शाम तक रखा जाता है। इस दिन सबसे पहले व्रत रखने वालों को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
घर में भी कर सकते हैं शिवजी की पूजा अर्चना
आप मंदिर ना जाकर इस दिन घर में ही शिव जी की पूजा अर्चना करना चाहते हैं तो सबसे पहले शिव जी की मूर्ती या शिवलिंग को स्वच्छ पानी से धो लें। अब तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें गंगाजल मिलाकर उसे अलग रख लें। अब शिव जी की पूजा के लिए सबसे पहले उन्हें सफ़ेद रंग के फूल अर्पित करें। साथ में अक्षत, धतूरा, भांग, सफ़ेद चंदन और धूप दीप दिखाते हुए श्रद्धाभाव के साथ पूजा करें। इसके बाद शिवलिंग पर गंगाजल मिश्रित जल चढ़ाएं और शिव जी को प्रसाद के रूप में आप फल या मिठाई का भोग लगा सकते हैं।
ॐ नमः शिवाय का जाप सर्वोत्तम
इसके साथ ही भगवान् शिव के विशेष मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना ना भूलें। आप चाहें तो अपनी श्रद्धा अनुसार इस दिन शिव पुराण या शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
रात्रि के समय जमीन पर सोना चाहिए
व्रती को तीसरा प्रहर खत्म होने के बाद एक ही बार भोजन करना चाहिए। रात्रि के समय जमीन पर सोना चाहिए। इस तरह से सावन के प्रथम सोमवार से लेकर अंतिम सोमवार तक इस व्रत का पालन करना चाहिए। सिर्फ सावन सोमवार ही नहीं शिवजी से जुड़े सभी व्रत तीन प्रहर तक ही किए जाते हैं।
सावन सोमवार के नियम
-सावन सोमवार के दिन जो व्रत ना भी रखता हो वो किसी भी अनैतिक कार्य करने से बचें, बुरे विचार मन में ना लाएं साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें।
-सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान का ध्यान करें। साथ ही बड़े और असहाय लोगों का अपमान ना करें।
-सावन में भगवान शिव की पूजा में कम से कम बेलपत्र जरूर रखें।
-सावन में बैंगन खाने से बचें क्योंकि शास्त्रों में बैंगन को अशुद्ध बताया गया है।
-सावन में मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए। इससे ना सिर्फ आप पर जीवहत्या का पाप लगता है बल्कि आपका मन भी अशुद्ध होता है।
-सावन हरियाली का मौसम है। यही हरियाली शिवजी को अत्यंत पसंद आती है इसलिए पेड़-पौधों को काटने से बचना चाहिए।
सावन सोमवार व्रत के लाभ
अविवाहित युवक युवतियां सावन के सोमवार का व्रत रख विवाह में आने वाली अड़चनों को दूर कर सकते हैं और सुयोग्य जीवनसाथी पा सकते हैं।
सावन सोमवार का व्रत रख वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
सावन सोमवार के दिन व्रत रखने से आप मुख्य रूप से अकाल मृत्यु और अकस्मात होने वाली दुर्घटनाओं से बच सकते हैं
इसके साथ ही इस दिन व्रत रखने से आप बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति कर सकते हैं।
निः संतान स्त्री पुरुष सावन सोमवार का व्रत रखकर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
बता दें कि सावन सोमवार का व्रत कोई भी रख सकता है और विधि पूर्वक पूजा अर्चना एवं व्रत रखकर शिव जी को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।