आगरालीक्स.Full Story एमडीएच के मालिक धर्मपाल गुलाटी का निधन,पाकिस्तान में जन्मे, 5 वीं तक पढे, तांगा खरीदा और दुनिया भर में छा गया एमडीएच मसाला,
एमडीएच, बडा नाम, या यूं कहें कि मसाला किंग। एमडीएच मसाले को ग्लोबल ब्रांड बनाने वाले धर्मपाल गुलाटी का जन्म पाकिस्तान के सियालकोट में 1919 में हुआ था। उनके पिता ने पाकिस्तान में महाशिया दी हटटी के नाम से एक दुकान खोली। 1947 में भारत पाकिस्तान के विभाजन के बाद धर्मपाल गुलाटी परिवार सहित भारत आ गए।
खरीदा तांगा
धर्मपाल गुलाटी परिवार सहित विभाजन के बाद अम्रतसर में शरणार्थी के रूप में रहे, इसके बाद वे परिवार सहित दिल्ली आ गए। यहां उन्होंने अपनी जमा पूंजी से एक तांगा खरीदा और तांगे से मसाला बेचा लेकिन बिजनेस सही नहीं चला।
करोलबाग में खोली दुकान
दिल्ली में खोली महाशिया दी हटटी और शॉर्ट नाम दिया एमडीएच
दिल्ली के करोलबाग में धर्मपाल गुलाटी ने महाशिया दी हटटी के नाम से दुकान खोली, इसके बाद 1953 में चांदनी चोक में किराए पर दुकान खोली, इसका नाम रखा महाशिया दी हटटी, शार्ट नाम एमडीएच रखा। इसके बाद 1959 में एमडीएच कंपनी की अधिकारिक शुरूआत की। कीर्ति नगर में फैक्र्टी खोली।
5 वीं तक पढे, खुद करते थे प्रचार, 90 फीसद वेतन किया दान
धर्मपाल गुलाटी पांचवीं तक पढे थे, वे खुद ही एमडीएच का प्रचार करते थे, इसलिए मडीएच अंकल के नाम से पहचान मिली। वे अपने वेतन का 90 फीसद दान करते थे, अस्पताल और स्कूल भी खोला था।