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Goga Navami today, both Hindus and Muslims celebrate this festival#agranews
आगरालीक्स(31st August 2021 Agra News)… जाहरवीर गोगा नवमी आज. कृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन धूमधाम से मनाई जाती है. हिंदू और मुसलमान दोनों ही मनाते हैं यह नवमी. नागों की करते हैं पूजा.
अलीगढ़ के ज्योतिषाचार्य पंडित हृदयरंजन शर्मा ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की नवमी यानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन गोगा नवमी मनायी जाती है। गोगा राजस्थान के लोक देवता हैं।पंजाब और हरियाणा समेत हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भी इस पर्व को बहुत श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। गोगा नवमी इसलिए भी खास इसलिए भी है क्योंकि इसे हिन्दू और मुसलमान दोनों मनाते हैं।
सांपों से करते हैं रक्षा
पंडित हृदयरंजन शर्मा ने बताया कि जाहरवीर गोगा (गुग्गा ) नवमी के दिन नागों की पूजा करते हैं। मान्यता है कि गुग्गा देवता की पूजा करने से सांपों से रक्षा होती है। गुग्गा देवता को सांपों का देवता भी माना जाता है. गुग्गा देवता की पूजा श्रावण मास की पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन से आरंभ हो जाती है, यह पूजा-पाठ नौ दिनों तक यानी नवमी तक चलती है. इसलिए इसे गुग्गा नवमी कहा जाता है.
गोरखनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे
पंडित हृदयरंजन शर्मा ने बताया कि गोगाजी को गुग्गा वीर, जाहरवीर, राजा मण्डलिक व जाहर पीर के नाम से भी जानते हैं। यह गोरखनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को समय की दृष्टि से प्रथम माना गया है। कायम खानी मुस्लिम समाज उनको जाहर पीर के नाम से पुकारते हैं। राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी का प्रमुख स्थान है। माना जाता है की अगर किसी के घर में सांप निकले तो गोगाजी को कच्चे दूध का छिटा लगा दें, इससे सांप बिना नुकसान पहुंचाए चला जाता है। जिस घर में गोगा जी की पूजा होती है, उस घर के लोगों को सांप नहीं काटता है। गोगाजी पूरे परिवार की रक्षा करते हैं।
जाहरवीर गोगावीर पूजा विधि
पंडित हृदयरंजन शर्मा ने बताया कि नवमी के दिन स्नानादि करके गोगा देव की या तो मिट्टी की मूर्ति को घर पर लाकर या घोड़े पर सवार वीर गोगा जी की तस्वीर को रोली, चावल, पुष्प, गंगाजल आदि से पूजन करना चाहिए। साथ में खीर,चूरमा, गुलगुले, लापसी, पूरी – पुए आदि का प्रसाद लगाएं। चने की दाल गोगा जी के घोड़े पर श्रद्धापूर्वक चढ़ाएं। इस दिन भक्तगण गोगा जी की कथा का श्रवण और वाचन कर नागदेवता की पूजा-अर्चना करते हैं। कहीं-कहीं तो सांप की बांबी की पूजा भी की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी सच्चे मन से नागों के देव गोगा महाराज की पूजा करते हैं, उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।