GST rates of readymade garments and shoes may increase, Agra’s traders in tension#agranews
आगरालीक्स…(25 September 2021 Agra News) आगरा के व्यापारी टेंशन में. रेडीमेड गारमेंट्स और जूते की जीएसटी दरों में हो सकती है इतनी बढ़ोतरी. व्यापारी बोले—लाखों लोगों के रोजगार में आएगी परेशानी…
पेट्रोल—डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर मायूसी
17 सितम्बर को लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की बैठक में जैसा कि सभी लोगों को उम्मीद थी कि पेट्रोल—डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा, परन्तु नहीं लाया गया. इससे व्यापारियों को बहुत निराशा हुई. व्यापारियों का मानना है कि महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाना आवश्यक था. वहीं व्यापारियों को जानकारी भी मिली है कि रेडीमेड गारमेंटस और जूते की जीएसटी दरों में भी बदलाव होने जा रहा है जो कि अनुचित और अव्यवहारिक है. आगरा के व्यापारियों ने इसको लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री को एक ज्ञापन भी दिया है.
घर—घर जूते की इकाइयां
आगरा में जूते से जुड़ी हजारों इकाईयाँ हैं जो कि अपने छोटे से एक कमरे के घरों में अपने परिवारों के साथ जुते का निर्माण करतीं हैं. बमुश्किल अपने परिवारों का भरन पोषण कर पाती है. उनके द्वारा निर्मित जुता बहुत ही बढ़िया सुन्दर काफी कम कीमतों पर बाजारों में मिल जाता है, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार आसानी से खरीद सकते हैं. व्यापारियों का कहना है कि अगर इनकी दरों में भी बदलाव किया गया तो यह लघु उद्योग जूते का बंदी के कगार पर आ जाएगा. लाखों लोगों को बेरोजगारी झेलनी पड़ेगी. अगर जीएसटी 5 प्रतिशत से ऊपर हुआ तो लिहाजा आपसे अनुरोध है कि आगरा की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसका निण॔य लिया जाये.
जीएसटी में बदलाव का पड़ेगा प्रभाव
ज्ञापन में व्यापारियों ने बताया कि कच्चे कपड़े पर भी जीएसटी के बदलाव का दूरगामी प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि भारत की आम जनता कस्बों और गांवो में कच्चे कपड़े का ज्यादा चलन है. लिहाजा उसमें बढोतरी हुई तो लाखों लोगों के बजट में प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं कि लोकल को वोकल बनाना है दूसरी तरफ चाइना निर्मित जुते और रेडीमेड गारमेंटस कच्चे कपड़े बहुत सस्ते हैं जिनसे प्रतिस्पर्धा में टिकना आसान नहीं है. अगर इसके बावजूद जीएसटी की दरों को बढ़ा दिया गया तो हमें चाइना के उत्पादनों को ध्यान में रखते हुए इसका निण॔य लिया जाये.
रेडीमेड गारमेंट्स की भी बहुत इकाइयां
आगरा के व्यापारियों का कहना है कि आगरा रेडीमेड गारमेंटस के उत्पादन का एक बड़ा क्षेत्र है. जैसे जुते की लघु इकाईयाँ है वैसे ही रेडीमेड गारमेंटस की बहुत ही छोटी छोटी इकाईयाँ घरों में इसका परिवारों के साथ निर्माण करतीं हैं. बमुश्किल अपने परिवारों को दो वक्त की रोटी दे पातीं है ऐसे में अगर गारमेंटस पर जीएसटी की दरों को बढ़ा दिया गया तो यह इंडस्ट्रीज भी बंदी के कगार पर आ जायेंगी. हजारों लोगों की रोजगार चला जायेगा लोग बेरोजगारी झेलनी पड़ेगी. व्यापारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि जुते और रेडीमेड गारमेंटस की दरों में कोई भी बदलाव ना किया जाये. मांग करने वालों में आगरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष टीएन अग्रवाल, महामंत्री कन्हैयालाल राठौर, कोषाध्यक्ष नितेश अग्रवाल, जय पुरसनानी हैं.