आगरालीक्स… आप पान खाते हैं लेकिन पान खाते कैसे हैं, यह पता है, आगरा के 40 साल पुराने बनारसी पान भंडार, हरीपर्वत के अजय चौरसिया का कहना है पान भोले का प्रसाद है, प्यार का पैगाम है।
आगरा में पान के शौकीनों की कमी नहीं है। मगर, पान खाते कैसे हैं, यह सवाल पूछते ही सालों से पान खा रहे लोग इधर उधर देखने लग जाते हैं।
आप कब से पान की सेवा कर रहे हैं
मैं अजय कुमार चौरसिया, पिछले 45 साल से बनारसी पान भंडार हरीपर्वत का संचालन कर रहा हूं, समय के साथ बहुत कुछ बदला है लेकिन पान के शौकीन और पान खाने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है।
पान खाते कैसे हैं
पान को भोले नाथ का प्रसाद माना जाता है, इसीलिए शादी में दुल्हा को पान जरूर खिलाया जाता है, इसे माथे पर लगाने के बाद खाना चाहिए। तंबाकू का पान खाने वाले असली पान का मजा लेते हैं, मुंंह में पान रखने के बाद कथ्था से लेकर चूना और तंबाकू व किजाम को महसूस करते हैं। चूना कम है तो और ले लेते हैं, पान को देर तक दबाए रखते हैं। मीठा और मसाले का सादा पान खाने वाले उसकी मिठास का आनंद लेते हैं, पान को कुछ देर में थूक देते हैं।
पान का स्वाद को अच्छा क्या करता है
पान का पत्ता, कथ्था और चूना, यह पान के स्वाद को बनाते हैं। हर पान के शौकीन और पान के पत्ते के हिसाब से कथ्था और चूना लगाया जाता है, इसे पत्ते पर मलते हैं, तंबाकू और किमाम लगाने के बाद खाने के लिए दे देते हैं।
कितने कितने रुपये का होता है पान
पान के रेट भी समय के साथ बदल रहे हैं, पांच रुपये से लेकर 35 रुपये का पान उपलब्ध है, इसे आकर्षक पैकिंग में भी बेचा जा रहा है।
एक विशेष दुकान का पान ही लोग क्यों पसंद करते हैं
पान खाने का मजा है, यह साइक्लोजिकल भी होता है और पान की क्वालिटी भी होती है। एक बार व्यक्ति जहां से पान खाना शुरू करता है, उसी जगह से बार बार पान खाता है।