आगरालीक्स…. आगरा में डॉक्टरों ने बताया, आप अपने बच्चे को निमोनिया और डायरिया से बचाना चाहते हैं तो ये काम करें।

आगरा में आईएपी ने विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत मंगलवार को साकेत हॉस्पीटल में कार्यशाला आयोजित की। आईएपी, आगरा के अध्यक्ष डॉ. अरुण जैन ने बताया कि मां का दूध यानी स्तनपान एक उत्तम उपहार है एवं अमृत समान है जो बच्चे को संपूर्ण पोषण प्रदान करने की क्षमता रखता है | जन्म के पहले घंटे में शिशु को स्तनपान कराने से शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है | इससे निमोनिया और दस्त जैसे गंभीर रोगों से शिशु को बचाव होता है | भारत का लक्ष्य वर्ष 2025 तक सिर्फ़ स्तनपान कराने की दर में वृद्धि करते हुए उसे 69 प्रतिशत तक लाना है वर्तमान में ये लगभग 55 प्रतिशत है |
सचिव डॉ योगेश दीक्षित ने बताया कि मां का दूध दो साल तक ले सकते हैं । पहले छह महीने में सिर्फ़ मां का दूध ही पिलाना हैं , छः महीने के बाद मां के दूध के साथ पौष्टिक आहार शुरू कर देना चाहिए |
पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल अग्रवाल ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद या एक घंटे के अंदर ही माँ का दूध शुरू कर देना चाहिए |
कार्यक्रम का संचालन कर रहीं डॉ. स्वाति द्विवेदी ने बताया कि पहले छह महीने बच्चों को पानी ,घुट्टी, गाय ,भैस डिब्बे का दूध नहीं पिलाना चाहिए ,बोतल से दूध कभी न पिलाए |
डॉ मनीष सिंह ने बताया कि कामकाजी महिलाएँ अपने दूध को निकाल 24 घंटे तक फ्रिज में रख सकती हैं और वही दूध घर वाले बच्चे को पिला सकते हैं |
डॉ. शिवानी गोयल ने कम दूध के उत्पादन की वजह और उसके निदान पर प्रकाश डाला |
डॉ. निधि अग्रवाल ने बताया कि माँ के पेट में बच्चा आता है माँ को यह अपनी यह जानकारी अपने चिकित्सक को देनी चाहिए ताकि वह उसको दूध पिलाने के लिए तैयार कर सकें |
डॉ. संगीता चतुर्वेदी ने दूध पिलाने के सही तरीक़े को समझाया तथा दूध नहीं पिलाने कि भ्रान्तियों को मिटाया |