
विधेयक में प्रावधान किया गया है कि किसी भी स्कूल को प्री-प्राइमरी और प्री-स्कूल में एडमिशन के लिए आने वाले छह वर्ष से कम आयु के बच्चों तथा उनके अभिभावकों का इंटरव्यू लेने की इजाजत नहीं होगी। ऐसा करने वालों को कम से कम पांच साल और अधिकतम 10 साल तक की सजा होगी।
दिल्ली सरकार एक अन्य विधेयक के मसौदे को भी अंतिम दे रही है, जिसमें
गैर वित्तीय सहायता प्राप्त निजी प्ले स्कूल, प्री-प्राइमरी, प्राइमरी, मिडल, सेकेंडरी, सीनियर सेकेंडरी सहित अन्य मान्यताप्राप्त सेकेंडरी शैक्षणिक संस्थानों की फीस सरकार द्वारा गठित समिति तय करेगी। हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में बनने वाली इस समिति में शिक्षा निदेशक तथा एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को सदस्य बनाया जाएगा।
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