आगरालीक्स…प्रख्यात जैन मुनि विद्यासागर जी महाराज ने समाधि ली। फिरोजाबाद में किया था चातुर्मास। आगरा में अभी हाल ही में उनके शिष्य सुधा सागर महाराज…
चंद्रगिरी तीर्थ में ली समाधि
जैन मुनि विद्यासागर जी महाराज ने देर रात ढाई बजे छत्तीसगढ़ के डोगरागढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में तीन दिन उपवास के बाद बीत रात ढाई बजे देह त्यागी। जैन मुनि विद्यासागर महाराज को जैन समाज का सबसे बड़ा जैन मुनि माना जाता है।
कर्नाटक में जन्मे थे जैन मुनि
समाजसेवी दिलीप जैन
वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी दिलीप जैन ने बताया कि 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक के बेल्लूरु जिला के चंद्रलगा गांव में उनका जन्म हुआ था। पिता मलप्पा और मां का नाम श्रीमंती था, उन्हें अजमेर में दीक्षा आचार्यश्री ज्ञानसागर महाराज द्वारा दी गई थी।
फिरोजाबाद में किया था चातुर्मास
जैन मुनि विद्यासागर महाराज जी ने चार दशक पूर्व फिरोजाबाद में चातुर्मास किया था। इस दारन वह आगरा होकर गुजरे तो लाखों भक्त उनके साथ गए थे। आगरा में उनके लाखों की संख्या में अनुयाई है।
उनके शिष्य सुधा सागर म हाराज ने आगरा में किया था चातुर्मास
उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में जैन मुनि आचार्य विद्या सागर महाराज के शिष्य परम प्रभावत पुंगम श्री सुधा सागर महराज ने आगरा में चातुर्मास किया था। इनके द्वारा रुनकता में लोकोदय तीर्थ का भी शिलान्यास किया गया।