Tuesday , 4 February 2025
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Maa Annapurna Janmotsav: There is no shortage of money and food grains by worshiping the mother # agranews

आगरालीक्स…। मां अन्नपूर्णा जन्मोत्सव मागर्शीष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन 19 दिसंबर को मनाया जाएगा.

ज्योतिषाचार्य पंडित हृदयरंजन शर्मा पौराणिक कथाओं के मुताबिक बताते हैं कि जब पृथ्वीं पर लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं था तो मां पार्वती ने अन्नापूर्णा का रूप रखकर पृथ्वीं को इस संकट से निकाला था। अन्नपूर्णा जयन्ती का दिन मनुष्य के जीवन में अन्न के महत्व को दर्शाता है।

इस दिन रसोई की सफाई और अन्न का सदुपयोग बहुत जरूरी होता है। माना जाता है कि इस रसोई की सफाई करने और अन्न का सदुपयोग करने से मनुष्य के जीवन में कभी भी धन धान्य की कमीं नही होती। इसलिए अन्न का सदुपयोग अवश्य करना चाहिए।

मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के उपलक्ष में मां अन्नपूर्णा के पूजन व अनुष्ठान का विशेष महत्व है। ब्रह्मवैव‌र्त्तपुराण के काशी रहस्य अनुसार भवानी अर्थात पार्वती ही अन्नपूर्णा हैं। मार्गशीर्ष माह में इनका व्रत सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाला है व इस का वैज्ञानिक महत्व भी है।

-इस समय कोशिकाओं के जेनेटिक कण रोग निरोधक होकर चिरायु व युवा बनाने में प्रयत्नशील होते हैं। इन दिनों किया गया षटरस भोजन वर्ष उपरांत स्वास्थ्य वृद्धि करता है।

मां अन्नपूर्णा

-अन्नपूर्णा देवी हिन्दू धर्म में मान्य देवी-देवताओं में विशेष रूप से पूजनीय हैं। इन्हें माँ जगदम्बा का ही एक रूप माना गया है, जिनसे सम्पूर्ण विश्व का संचालन होता है। इन्हीं जगदम्बा के अन्नपूर्णा स्वरूप से संसार का भरण-पोषण होता है।

-अन्नपूर्णा का शाब्दिक अर्थ है- ‘धान्य’ (अन्न) की अधिष्ठात्री। सनातन धर्म की मान्यता है कि प्राणियों को भोजन माँ अन्नपूर्णा की कृपा से ही प्राप्त होता है।

-सामान्य दिनों में अन्नपूर्णा माता की आठ परिक्रमा करनी चाहिए। प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन अन्नपूर्णा देवी के निमित्त व्रत रखते हुए उनकी उपासना करने से घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

विशेष पूजन विधि: शिवालय जाकर देवी अन्नपूर्णा अर्थात माता पार्वती का विधिवत पूजन करें। गौघृत का दीप करें, सुगंधित धूप करें, मेहंदी चढ़ाएं, सफ़ेद फूल चढ़ाएं। धनिया की पंजीरी का भोग लगाएं तथा किसी माला से इन विशेष मंत्रों का १-१ माला जाप करें।

पूजन मुहूर्त: प्रातः 08:20 से 11:45 तक।

पूजन मंत्र: ह्रीं अन्नपूर्णायै नम॥

विशेषउपाय

-यश व कीर्ति में वृद्धि हेतु देवी अन्नपूर्णा पर चढ़े मूंग गाय को खिलाएं।

-विपत्तियों से रक्षा हेतु देवी अन्नपूर्णा पर चढ़ा नवधान पक्षियों के लिए रखें।

-अन्न-धान्य की कमी से बचने हेतु देवी अन्नपूर्णा पर चढ़ा सूखा धनिया किचन में छुपाकर रखें।

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