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Navratri 2024: Know in Navratri special what the divine weapons of Maa Durga symbolize…#agranews
आगरालीक्स….मां दुर्गा के दिव्यास्त्र किस बात का हैं प्रतीक. तलवार, शंख, कमल, चक्र के साथ शेर की सवारी, जानें हर किसी का अपना अलग महत्व
शक्ति की अधिष्ठात्री देवी की संरचना तमाम देवीदेवताओं की संचित शक्ति के द्वारा हुई है जिस तरह तमाम नदियों के संचित जल से समुद्र बनता है, उसी तरह भगवती दुर्गा विभिन्न देवी देवताओं के शक्ति समर्थन से महान बनी हैं देवताओं ने मां दुर्गा को दिव्यास्त्र प्रदान किये
इस आद्याशक्ति को शिव ने त्रिशूल, विष्णु ने चक्र, वरुण ने शंख, अग्नि ने शक्ति, वायु ने धनुष बाण, इन्द्र ने वज्र और यमराज ने गदा देकर अजेय बनाया. दूसरे देवताओं ने मां दुर्गा को उपहार स्वरूप हार चूड़ामणि, कुंडल, कंगन, नुपूर, कण्ठहार आदि तमाम आभूषण दिए. हिमालय ने विभिन्न रत्न और वाहन के रूप में सिंह भेंट किया
शंख
दुर्गा मां के हाथ में शंख प्रणव का या रहस्यवादी शब्द ‘ओम’ का प्रतीक है जो स्वयं भगवान को उनके हाथों में ध्वनि के रूप में होने का संकेत करता है
धनुषबाण
धनुष बाण ऊर्जा का प्रतिनिधित्त्व करते हैं दुर्गा मां के एक ही हाथ में इन दोनों का होना इस बात का संकेत है कि मां ने ऊर्जा के सभी पहलुओं एवं गतिज क्षमता पर नियंत्रण प्राप्त किया हुआ है
बिजली और वज्र
ये दोनों दृढ़ता के प्रतीक हैं. और दुर्गा मां के भक्तों को भी वज्र की भांति दृढ़ होना चाहिए जैसे बिजली और वज्र जिस भी वस्तु को छुती है उसे ही नष्ट एवं ध्वस्त कर देती है अपने को बिना क्षति पहुंचाए. इसी तरह माता के भक्तों को भी अपने पर विश्वास करके किसी भी कठिन से कठिन कार्य पर खुद को क्षति पहुंचाए बिना करना चाहिए
कमल के फूल
माता के हाथ में जो कमल का फूल है वह पूर्ण रूप से खिला हुआ नहीं है इससे तात्पर्य है कि कमल सफलता का प्रतीक तो है परन्तु सफलता निश्चित नहीं है. कमल का एक पर्यायवाची पंकज भी है अर्थात् संसार में कीचड़ के बीच भक्तों की आध्यात्मिक गुणवत्ता के सतत् विकास के लिए खड़ा है कमल
सुदर्शन चक्र
सुदर्शन चक्र जो दुर्गा मां की तर्जनी के चारों ओर घूम रहा है. बिना उनकी अंगुली को छुए हुए यह प्रतीक है इस बात का कि पूरा संसार मां दुर्गा की इच्छा के अधीन है और उन्हीं के आदेश पर चल रहा है. माता इस तरह के अमोघ अस्त्रशस्त्र इसलिए प्रयोग करती हैं ताकि दुनिया से अधर्म, बुराई और दुष्टों का नाश हो सके और सभी समान रूप से खुशहाली से जी सकें
तलवार
तलवार जो दुर्गा मां ने अपने हाथों में पकड़ी हुई है वह ज्ञान की प्रतीक है वह ज्ञान जो तलवार की धार की तरह तेज एवं पूर्ण हो. वह ज्ञान जो सभी शंकाओं से मुक्त हो तलवार की चमक का प्रतीक माना जाता है
त्रिशूल
मां दुर्गा का त्रिशूल अपने आप में तीन गुण समाए हुए हैं. यह सत्व, रजस एवं तमस गुणों का प्रतीक है. और वह अपने त्रिशुल से तीनों दुखों का निवारण करती हैं चाहे वह शारीरिक हो, चाहे मानसिक हो या फिर चाहे आध्यात्मिक हो
सिंह सवारी
मां दुर्गा शेर पर एक निडर मुद्रा में बैठी हैं जिसे अभयमुद्रा कहा जाता है जो संकेत है डर से स्वतंत्रता का, जगत की मां दुर्गा अपने सभी भक्तों को बस इतना ही कहती हैं, अपने सभी अच्छे बुरे कार्यों एवं कत्र्तव्यों को मुझ पर छोड़ दो और मुक्त हो जाओ अपने डर से अपने भय से
प्रसिद्ध (ज्योतिषाचार्य) परमपूज्य गुरुदेव पंडित ह्रदय रंजन शर्मा (अध्यक्ष )श्री गुरू ज्योतिष शोध संस्थान गुरू रत्न भण्डार पुरानी कोतवाली सराफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,8272809774*