आगरालीक्स…जरूरी खबर, अब 5वीं और 8वीं क्लास फेल हुए बच्चे तो अगली क्लास में नहीं होंगे प्रमोट. केंद्र सरकार ने खत्म की नो डिटेंशन पॉलिसी. सिर्फ दो महीने के अंदर पुन: परीक्षा का मिलेगा मौका…
केंद्र सरकार की ओर से शिक्षा के अधिकार नियम 2010 में संशोधन किया गया है. इसके तहत राज्यों को कक्षा 5वीं और 8वीं के छात्रों के लिए नियमित परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी गई है, साथ ही अगर वे फेल हो जाते हैं तो उन्हें रोकने का विकल्प भी दिया गया हे. यह संशोधन आरटीई अधिनियम में 2019 के संशोधन के पांच साल बाद आया है जिसमें नो डिटेंशन नीति को खत्म कर किदया गया था.
स्कूली शिक्षा में एक बड़ा बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने अपने द्वारा शासित स्कूलों में कक्षा 5वीं और 8वीं के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है, जो उन छात्रों को फेल करने की अनुमति देती है जो साल के अंत की परीक्षाओं में उत्तीण नहीं हो पाते हैं. इस संशोधन के बाद कम से कम 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही दोनों कक्षाओं के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है.
पुन: परीक्षा का मिलेगा अवसर
एक गजट अधिसूचना के अनुसार, नियमित परीक्षा के आयोजन के बाद यदि कोई बच्चा समय—समय पर अधिसूचित मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है तो उसे दो महीने की अवधि के भीतर अतिरिक्त निर्देश और पुन: परीक्षा का अवसर दिया जाएगा. यदि पुन: परीक्षा में बैठने वाला बच्चा फिर से पदोन्नति के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है तो उसे पांचवीं कक्षा या आठवीं कक्षा में रोक दिया जाएगा. हालांकि सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक किसी भी बच्चे को किसी भी स्कूल से नहीं निकाला जाएगा.
अधिसूचना केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित 3 हजार से अधिक स्कूलों पर लागू होगी. चूंकि स्कूली शिक्षा एक राज्य का विषय है, इसलिए राज्य इस संबंध में अपना निर्णय ले सकते हैं. वैसे 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन दो कक्षाओं के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है. इस संबंध में अप्सा प्रेसीडेंट डॉ. सुशील गुप्ता के अनुसार सरकार का यह फैसला सराहनीय है और हम सभी इसका समर्थन भी करते हैं.