Railway does not give a single woman seat among men in the train, ticket transfer facility is free
आगरालीक्स… रेलवे अकेली महिला को पुरुषों के बीच की सीट नहीं देती। परिवार का ध्यान, निशुल्क टिकट ट्रांसफर, बोर्डिंग स्टेशन बदलने की सुविधा।
महिला सफर में असहज महसूस नहीं करे
भारतीय रेलवे सफर के दौरान अकेली महिला को पुरुषों के बीच की सीट नहीं देती। इसका कारण है कि महिला अपने को असहज महसूस नहीं कर सके।
महिला सुरक्षा की दृष्टि से भी कदम
ऑनलाइन टिकट बुक कराते समय आईआरटीसी सिर्फ पहले से महिला के नाम से बुक सीट के पास ही दूसरी महिला को सीट उपलब्ध कराती है। इसका उद्देश्य महिला की सुरक्षा को लेकर भी है।
यात्रियों को निशुल्क टिकट ट्रांसफर की सुविधा
रेलवे अपने यात्रियों के साथ उनके परिवार का भी ध्यान रखने का प्रयास करती है। इसके तहत यात्रियों को निशुल्क टिकट ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कभी-कभी ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति अपने नाम पर टिकट बुक कराता है लेकिन ऐन मौके पर किसी वजह से यात्रा नहीं कर सकता, उस स्थिति में वह अपना टिकट ट्रांसफर कर सकता है।
आईडी प्रूफ पर किसी भी परिजन को टिकट ट्रांसफर
यह सुविधा टिकटधारक अपने माता-पिता, बहन-भाई, पति,पत्नी बेटा-बेटी के नाम कर सकता निशुल्क ट्रांसफर कर सकता है
24 घंटे का समय और जाना होगा स्टेशन
इसके लिए ट्रांसफर यात्रा को 24 घंटे पहले करना अनिवार्य होता है। इसके लिए यात्री को नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाना होगा। आईडी प्रूफ चेक करने के बाद आपका टिकट आपके परिजन की आईडी के नाम पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। हालांकि इस सुविधा का लाभ सिर्फ एक बार ही उठा सकते हैं।
बोर्डिंग स्टेशन बदले की सुविधा
टिकट की तरह ही ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्री को बोर्डिंग स्टेशन बदलने की सुविधा है। इसके लिए भी 24 घंटे पहले आवेदन करना जरूरी है।
दूसरे स्टेशन से पकड़ सकते हैं ट्रेन
उदाहरण के तौर पर आपको नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़नी है लेकिन किसी वजह से आप नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नहीं पहुंच सकते हैं तो इस हालात में आप ट्रेन के रूट को चेक करके किसी दूसरे स्टेशन पर ट्रेन को पकड़ सकते हैं। इसके लिए यात्री को ऑनलाइन जाकर बोर्डिंग स्टेशन बदलना होगा। इसके अलावा रेलवे फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराता है।