आगरालीक्स….आगरा में सावन के पहले सोमवार को राजेश्वर महादेव पर लगेगा मेला. ऐतिहासिक है यह मंदिर. दिन में तीन बाद रंग बदलते हैं राजेश्वर महादेव…पढ़े रोचक जानकारी
सावन के सोमवारों का महत्व सबसे अलग
सावन माह शुरू हो चुका है. आगरा में तो सावन के सोमवार का काफी महत्व है. चारों कोनों पर शिवजी अपने अलग अलग रूप में विराजमान हैं. एक तरफ राजेश्वर महादेव हैं तो दूसरी तरफ पृथ्वीनाथ, तीसरी ओर कैलाश महादेव हैं तो चौथी ओर बल्केश्वर. आगरा में सावन के चारों सोमवारों पर इन चारों मंदिरों पर भक्तों की भीड़ लगती रही है. हर सोमवार को यहां मेले भी आयोजित होते रहे हैं. पहला मेला राजेश्वर पर लगता है तो दूसरा बल्केश्वर, तीसरा कैलाश महादेव का लगता है तो चौथा और अंतिम पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर पर. 10 जुलाई को सावन के पहले सोमवार को राजेश्वर महादेव पर मेला लगेगा.
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दिन में तीन बार रंग बदलते हैं राजेश्वर महादेव
आगरा के शमसाबाद रोड स्थित राजेश्वर महादेव मंदिर है. मान्यता है कि यहां विराजमान महादेव दिन में तीन बार रंग बदलते हैं. इसका इतिहास करीब 900 वर्ष पुराना बताया गया है. ऐसा कहा जाता है कि एक बार साहूकार नर्मदा नदी से शिवलिंग लेकर आ रहे थे. गांव से पहले उन्होंने रात्रि विश्राम के लिए एक जगह बेलगाड़ी रोक दी. रात्रि में सपने में भगवान ने कहा कि कि शिवलिंग को इसी स्थान पर स्थापित कर दो. लेकिन साहूकार यह नहीं चाहता था. इसलिए उसने सुबह बैलगाड़ी में रखने के लिए शिवलिंग को जमीन से उठाकर ले जाने का प्रयास किया गया, तो बैलगाड़ी आगे ही नहीं बढ़ रही थी. कई गाड़ी और दर्जनों लोगों के प्रयास के बाद भी गाड़ी का पहिया आगे नहीं बढ़ा. इसी खींचतान के दौरान शिवलिंग जमीन पर गिर गई और वहीं स्थापित हो गई. इसके बाद पांच गांव के लोगों ने मिलकर मंदिर का निर्माण कराया. जिसमें गांव उखर्रा, राजपुर, बाग राजपुर, चमरौली और कहरई सम्मलित हैं. मंदिर की सेवा के लिए 24 बीघा जमीन भी जमीदारों द्वारा दी गई थी.