आगरालीक्स…आगरा में रामबारात का उत्साह. चारों स्वरूपों की पहली तस्वीर आई सामने. समूचा पुराना शहर बना अयोध्यानगरी. डीएम ने उतारी आरती. जानें पहली कौन सी झांकी निकली..और फिर कौन-कौन सी…
रावतपाड़ा लाला चन्नोमल की बारादरी में बड़ा ही अदभुत नजारा है। समूचा रावतपाड़ा अयोध्या नगरी बना हुआ है। प्रभु श्रीराम की वरयात्रा आज शाम को शुरू हो गई। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचन्द्र जी की प्रथम आरती-जिलाधिकारी, आगरा, एस.एस.पी. आगरा कमेटी के अध्यक्ष पुरुषोत्तम खण्डेलवाल, मंत्री राजीव कंुमार अग्रवाल द्वारा की गई। शोभायात्रा में सबसे पहले दो ऊंट चल रहे थे। उनके पीछे छह घोडे़ कोतल के रूप में फिर विध्न विनाशक गणेश जी की सवारी थी। इनके बाद आर्केष्ट्रा पार्टी के साथ भव्य एवं मनमोहक झांकियों का सिलसिला शुरू हो गया।

मुख्य झांकियों में उड़ते हुए हनुमान जी, भारत माता की झाँकी, अन्तर्राराष्ट्रीय विश्व हिन्दू परिषद की झाँकी, शिव सेना की झाँकी, अयोध्या का रोड शो, सत्यमेव जयते की झाँकी, सुदामा कृष्ण मिलन की झाँकी, मोर पर गणेश जी, कुबेर द्वारा धन की वर्षा, भस्मासुर का देवी जी से युद्ध, शिव पार्वती अघोरी खोपड़ी, फूलों की होली, राजस्थानी लंगुरिया, धारा 370, खुशहाल कश्मीर, पुलवामा के शहीदों को श्रद्धाजलि, पूतना कृष्ण को लेकर उड़ती हुई, चार घोड़े व गाय नाचते हुए रोड शो, राधा रानी फूलों की होली खेलते हुए, शंकर जी की बारात भूत-प्रेतों के साथ, शंकर जी के सिर से गंगा का अवतरण, सीता हरण, गौ-हत्या, शबरी बेर खिलाते हुए, शिवलिंग लेकर उड़ता रावण, गोवर्धन की परिक्रमा, देवी जी के नौ रूप, पर्यावरण एवं जल पर, शिव सेना की झांकी, नंदोत्सव, राधा-कृष्ण पानी के फुब्बारों पर नृत्य करते हुए, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, डोकलाम, नदी अस्तित्व बचाओ, यमुना शुद्धिकरण, पशु हत्या, शराब न पीने की झांकी, गंगा अवतरण, नौका बिहार, सुदामा चरित्र, समुद्र मंथन, सामाजिक झांकी, काली माता का नृत्य, घटोत्कच का कर्ण के साथ युद्ध, भांगड़ा पंजाबी डांस, गणेश जी डांडिया खेलते हुए।

कृष्ण-अर्जुन रथ, घोड़ा बैण्ड, कदंब के पेड़ के नीचे कृष्ण भगवान, महारास, बालाजी दरबार रोड शो, काली माता का रोड शो, भोले के रंग में रंग गई रोड शो, शंकर पार्वती रोड शो, तीन कलर के बिहारी जी का रोड शो, फूलों की बांके बिहारी की झांकी सहित लगभग 125 झांकियां थीं। झांकियों के बाद मुख्य आकर्षण रामलीला कमेटी का रजत रथ जिसमें माँ लक्ष्मी जी भगवान विष्णु के साथ, बिहारी जी की झांकी, उसके बाद महाराजा राजा दशरथ (संजय मित्तल अपने परिवार के साथ घोड़ो की बग्गी पर चल रहे थे) व सुमंत की बग्गी पर सवार झांकी, मुनि विश्वामित्र व वशिष्ठ की संयुक्त सवार बग्गी पर झांकी, सूर्यवंशी राजकुमार शत्रुध्न के आगे सुधीर बैण्ड, राजकुमार भरत के आगे प्रहलाद बैण्ड, भ्राता लक्ष्मण के आगे मिलन बैण्ड, स्वयं प्रभु श्रीराम के आगे प्रतिष्ठित जगदीश बैण्ड मधुर स्वर लहरियाँ बिखरते हुए चल रहे थे। अन्य बैण्डों में कुमार, चावला, श्रीजी, गुप्ता बैण्ड सहित लगभग 11 बैण्ड चल रहे थे। प्रभु राम अपने भाइयों के साथ सुसज्जित रथ पर राजसी श्रंगार में चल रहे थे। प्रभू श्री राम का रथ देवराज इन्द्र का ऐरावत हाथी था।