आगरालीक्स …आगरा में सीआरपीएफ के रिटायर जवान के घर से गोली की आवाज से सनसनी फेल गई। खून से लथपथ जवान की मौत हो गई। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।
ताजगंज के बुढाना गांव में सीआरपीएफ के रिटायर जवान राकेश चंद्र अपने परिवार के साथ रह रहे थे। शनिवार को राकेश चंद यादव अपने कमरे में मौजूद थे। पत्नी कुसुम और बेटी तनु व कीर्ती पहली मंजिल पर बने कमरे में थीं। अचानक गोली की आवाज सुनाई पड़ी। वे दौड़कर नीचे आईं। कमरे का नजारा देखकर उनकी चीख निकल पड़ी। राकेश ने राइफल की नाल ठोढ़ी के नीचे रखकर पैर से ट्रगर दबाया था। गोली सिर को फाड़ती हुई पार निकल गई थी। कमरे में चारों तरफ खून बिखरा हुआ था। सिर का एक हिस्सा बाहर निकल आया था। सूचना मिलते ही पुलिस आ गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
इलाज के लिए नहीं मिल पा रहे थे पैसे
राकेश चंद के बड़े बेटे सुशील ने बताया कि वह दो भाई व दो बहन हैं। वह पहले बीएसएफ में था। नौकरी छोड़ दी। अब ड्राइवरी करता है। पिता की तबियत पिछले कई माह से खराब चल रही थी। उनका इलाज चल रहा था। कोई फायदा नहीं था। कई दिनों से दूसरे डॉक्टर को दिखाने की सोच रहे थे। घर में पैसा नहीं था। पिता पिछले चार दिनों से बैंक जा रहे थे। एटीएम की लाइन में भी लगे। नंबर ही नहीं आया। बैंक में भी मारा-मारी थी। धक्के लग रहे थे। पिता मायूस होकर वापस लौट आते थे। राकेश चंद्र 1990 में कश्मीर के बारामूला में तैनात थे। वहां आतंकियों से मुठभेड़ में पिता को पांच गोलियां लगी थीं। उनकी जान जैसे-तैसे बची थी।
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