Sad News: Three Year Old Krishna died after oxygen cylinder empty in Tejas Express, Doctor’s team in police custody…#agranews
आगरालीक्स..आप भावुक हो जाएंगे, तीन साल के बीमार बच्चे को नॉनस्टॉप तेजस एक्सप्रेस भी नहीं पहुंचा सकी दिल्ली. आक्सीजन सिलेंडर हुए खत्म, मासमू ने तोड़ा दम, हिरासत में डॉक्टर्स
एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने प्लेन में दो साल की बच्ची की तबियत बिगड़ने पर अपने पास मौजूद संसाधनों से 45 मिनट तक इलाज किया. बच्ची की जान बचाकर उसे अस्पताल तक पहुंचा दिया. इन डॉक्टर्स की देशभर में तारीफ हुई. इससे इतर पटना से दिल्ली तीन साल के मासूम को न ही उसके साथ मौजूद डाक्टरों की टीम सुरक्षित पहुंचा सकी और न ही नॉनस्टॉप तेजस एक्सप्रेस ट्रेन. कानपुर से पहले ही आक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गए और टूंडला तक आते—आते बच्चे ने दम तोड़ दिया.
बुखार आया था बच्चे को
मूलरूप से झारखंड के जिला गिरडीह के गांव नीमाडी में रहने वाले पवन कुमार गुप्ता दरभंगा बिहार में सेंट्रल बैंक की शाखा इकमीघाट में कृषि अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. इनका तीन साल का इकलौता बेटा कृष्ण कार्तिकेय को 25 अगस्त को बुखार आया था. पहले दरभंगा में इलाज चला. 27 अगस्त को उदयन हॉस्प्टिल पटना में भर्ती कराया गया. यहां डॉक्टरों ने मासूम का लिवर खराब होने की बात कहते हुए दिल्ली ले जाने के लिए कहा. गंभीर हालत में बच्चे को पटना से दिलली ले जाने के लिए नॉनस्टॉप तेजस एक्सप्रेस में पिता पवन, मां नीलू देवी, दादा लाल साहू के साथ बच्चे को सुरक्षित पहुंचाने के लिए डॉक्टर मनीष कुमार और टेक्नीशियन विनय कुमार का भी रिजर्वेशन कराया.
हॉस्पिटल ने 73 हजार लिए, आक्सीजन हो गई खत्म
मासूम के पिता पवन कुमार ने बताया कि पटना से दिल्ली ले जाने के लिए चिकित्सकीय टीम के साथ उदयन हॉस्पिटल ने 65 हजार रुपये लिए. इसके साथ दो आॅक्सीजन और वेंटीलेटर के साथ पटना से दिल्ली केे लिए तेजस एक्सप्रेस से रवाना हुए, लेकिन कानपुर से पहले ही आक्सीजन खत्म हो गई. रात दो बजकर 20 मिनट पर आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने के लिए 8 हजार रुपये फोन पे से जमा करवाए गए, जिससे कानपुर पर आक्सीजन सिलेंडर मिल सके. इसके बाद भी आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला.
10 मिनट चेन पुलिंग कर रोकी ट्रेन, रास्ते में मौत
कानपुर पर तेजस एक्सप्रेस के पहुंचते ही परिजन बाहर आ गए और आक्सीजन सिलेंडर का इंतजार करने लगे. आक्सीजन सिलेंडर न आने पर 10 मिनट तक चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोका गया लेकिन सिलेंडर नहीं मिला. बाद में ट्रेन कानपुर से आगे की ओर रवाना हो गई लेकिन टूंडला पहुंचने से पहले ही मासूम ने दम तोड़ दिया. स्टॉपेज न होने के बाद भी ट्रेन को टूंडला पर रोका गया. यहां रेलवे चिकित्सकीय टीम ने बच्चे का परीक्षण किया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. परिजनों ने चिकित्सकीय टीम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है. जीआरपी ने चिकित्सकीय टीम को हिरासत में लेते हुए वेंटीलेटर मशीन, आक्सीजन सिलेंडर को सील कर दिया है. जीआरपी प्रभारी अख्तर अली का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट व जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
सबकुछ बेचने के बाद भी नहीं बचा लाडला
बेटे की मौत से माता पिता बुरी तरह से टूट गए हैं. पिता पवन कुमार ने बताया कि उदयन अस्पताल में बताया गया कि बच्चे का लिवर खराब हो गया है. लिवर ट्रांसप्लांट होगा. इलाज में दस लाख रुपये खर्च हो गए. दिल्ली इलाज के लिए सबकुछ बेचकर पैसे लेकर जा रहे थे लेकिन बच्चा दिल्ली नहीं पहुंच सका.