आगरालीक्स… आगरा से एसटीएफ ने चिटफंड कंपनी केएमजे लैंड डेवलपर्स के निदेशक गोपाल गुप्ता को अरेस्ट किया है। इन पर उप्र समेत विभिन्न राज्यों के एक लाख लोगों से कई सौ करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है। सेबी द्वारा प्रतिबंधित कंपनी के निदेशकों खिलाफ ग्वालियर के यूनिवर्सिटी थाने में छह साल पहले धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेबी ने ग्वालियर की चिटफंड कंपनी केएमजे लैंड डेवलपर्स को सेबी ने छह साल पूर्व प्रतिबंधित किया था। इसके बाद भी कंपनी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और उप्र के आगरा समेत विभिन्न शहरों में काम करती रही। इस पर कंपनी के खिलाफ वर्ष 2011 में ग्वालियर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसके आठ निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसमें आगरा के थाना सदर के मुस्तफा क्वार्टर निवासी निदेशक गोपाल गुप्ता भी आरोपी था। कंपनी के एमडी संतोषी लाल को ग्वालियर पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
गोपाल गुप्ता कंपनी का उप्र का कारोबार देख रहा था। कंपनी सात साल से संजय प्लेस में कार्यालय खोलकर लोगों से रकम निवेश कर रही थी। एसटीएफ ने बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। देर रात ग्वालियर क्राइम ब्रांच उसे अपने साथ ले गई। आरोपी निदेशक को गिरफ्तार करने वाली टीम में एसआइ आनंद प्रकाश, दुष्यंत तिवारी, सिपाही चंचल, कमलकांत और अनवर थे।
आगरा सहित कई शहरों में नेटवर्क
कंपनी ने आगरा के अलावा कई शहरों में अपना जाल फैला रखा है। इनमें फीरोजाबाद, इलाहाबाद, आजमगढ़, बरेली, भदोही, फतेहपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, झांसी, वाराणसी प्रमुख हैं। गोपाल गुप्ता ने एसटीएफ को बताया कि वह निवेशकों को जमीन देने के नाम पर जाल में फांसते थे। निवेशक को छह साल बाद 50 वर्ग फीट से लेकर पांच हजार वर्ग फीट जमीन उपलब्ध कराने का लालच देते थे। यह जमीन उप्र, दिल्ली और मध्य प्रदेश में देने का आश्वासन देते थे। लोगों को जितनी जमीन चाहिए होती थी, वह उतनी रकम निवेश करते थे। जिन लोगों को जमीन नहीं चाहिए होती, उनको छह साल मेें रकम दोगुनी करने का बांड देते थे।