Shani Jayanti Tomorrow: Sade Sati, measures to avoid Dhaiya, worship rituals can get all kinds of satisfaction and benefits @ agra news
आगरालीक्स… शनि जयंती कल 19 मई को है। शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या से बचाव के उपाय, कैसे करें पूजा-अनुष्ठान कि मिले हर प्रकार की संतुष्टि और लाभ।
शनि जयंती कई गुना फलदायी
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा के मुताबिक 19 मई शुक्रवार अमावस्या के दिन शनि जयंती है। इस दिन शनिश्चर देव का पूजन करने से साधारण दिनों में किये जाने वाले शनि देव के पूजन से कई गुना ज्यादा फलदायी होता है।
साढ़े साती, ढैय्या से मुक्ति का दुर्लभ दिन
ऐसे लोग जो ढैय्या’ तथा ‘साढ़ेसाती’ सहित शनि संबंधी अनेक बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए परेशान है शनि जयंती’ एक दुर्लभ दिन व महत्त्वपूर्ण मौका है। शनि की कृपा पाने के लिए तो आप लोग इस अवसर को हाथ से न जाने दे।
दान-पुण्य का है महत्व
🌸 पौराणिक धर्म ग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं में ‘शनि जयंती की बहुत महत्ता है। इस दिन व्रत, उपवास, और दान आदि करने का बड़ा पुण्य मिलता है।
शनि जयंती पर यह करें उपाय
‘🏵 शनि जयंती के दिन पवित्र नदी के जल से या नदी में स्नान कर शनि देव का आवाहन और दर्शन करना चाहिए। शनि देव को नीले रंग के पुष्प, बिल्व वृक्ष के बिल्व पत्र, अक्षत अर्पण करें। भगवान शनि देव को प्रसन्न करने हेतु शनि मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नम:, अथवा ॐ प्रां प्रीं प्रौं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दिन सरसों के तेल, उड़द की दाल, काले तिल, कुलथी, गुड़ शनि यंत्र और शनि संबंधी समस्त पूजन सामग्री को शनि देव पर अर्पित करना चाहिए और शनि देव का तैलाभिषेक करना चाहिए। छाया दान भी करें।
‘शनि चालीसा‘, ‘हनुमान चालीसा‘ या ‘बजरंग बाण‘ का पाठ
🌺शनि जयंती के दिन ‘शनि चालीसा’, ‘हनुमान चालीसा’ या ‘बजरंग बाण’ का पाठ अवश्य करना चाहिए।जो लोग इस दिन यात्रा में जा रहे हैं और उनके पास समय की कमी है, वह सफर में ही ‘कोणस्थ: पिंगलो बभ्रु: कृष्णौ रौद्रोंतको यम:। सौरी: शनिश्चरो मंद:पिप्पलादेन संस्तुत:।।’ मंत्र का जप करते हैं तो शनि देव की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है।
इन उपायों को भी अपनाएं
🌻 शनि जयंती की रात्रि में आठ बादाम और आठ काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें।
🌻 शनि महाराज के नाम से व्रत रखना चाहिए। संध्या काल में शनि मंदिर में जाकर तेल का दीप भेंट करना चाहिए और उड़द दाल में खिचड़ी बनाकर शनि महाराज को भोग लगाना चाहिए। शनिदेव का आशीर्वाद लेने के पश्चात स्वयं भी प्रसाद स्वरूप खिचड़ी खाना चाहिए।
🌻 सूर्य देव के पुत्र शनि देव की प्रसन्नता हेतु इस दिन काली चींटियों को गु़ड़ एवं आटा देना चाहिए।
🌻 शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा के पश्चात ‘राहू’ और ‘केतु’ की पूजा भी करनी चाहिए।तत्पश्चात शनि देव से अपने अपराधों एवं जाने-अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो, उसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए
🌻 शनि जयंती को अपने हाथ की नाप का 9 हाथ काला धागा माला बनाकर पहनें।
🌻 शनिजयंती के दिन 108 बेलपत्र की माला भगवान शिव के शिवलिंग पर चढाए। साथ ही अपने गले में 7 मुखी रुद्राक्ष के 7 दानें काले धागें में धारण करें।
🌻 काली गाय की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। काली गाय के सिर पर रोली लगाकर सींगों में कलावा बांधकर धूप-आरती करें फिर परिक्रमा करके गाय को बून्दी के चार लड्डू खिला दें।
गंभीर समस्याओ से घिरे हो तो यह करे उपाय
सवा-सवा पाव काले चने अलग-अलग तीन बर्तनों में भिगो दें। इसके बाद नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर शनिदेव का पूजन करें और चनों को सरसो के तेल में छौंक कर इनका भोग शनिदेव को लगायें। इसके बाद पहला सवा पाव चना भैंसे को खिला दें। दूसरा सवा पाव चना कुष्ट रोगियों (या भिखारियो)में बांट दें और तीसरा सवा पाव चना अपने ऊपर से उतार कर किसी सुनसान स्थान पर रख आयें।
🌻 चोकर युक्त आटे की 2 रोटी लेकर एक पर तेल और दूसरी पर शुद्ध घी लगाएं। तेल वाली रोटी पर थोड़ा मिष्ठान रखकर काली गाय को खिला दें। इसके बाद दूसरी रोटी भी खिला दें और शनिदेव का स्मरण करें।इससे शनि का कुप्रभाव कम हो जायेगा।
🌻शनि जयंती और प्रत्येक शनिवार के दिन बंदरों और काले कुत्तों को बूंदी के लड्डू खिलाने से भी शनि का कुप्रभाव कम हो जाता है।
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🔶इसके आलवा अगर आप लोगो में से किसी के ऊपर साढ़े साती ढैय्या या शनि की महादशा चल रहा है और वो आपको ज्यादा कष्ट पहुंचा रहे हो तो हम आपको पांच शनि मंत्रो से अवगत करा रहे है।
मंत्रों का जाप भी लाभदायी
इन मंत्रो मे से किसी भी एक मन्त्र काजाप अपने आवश्यकता अनुसार इस शनिजयंती से शुरू कर प्रतिदिन कर के 40 दिन तक लगातार करके देखिये आप चमत्कारिक रूप से इनके लाभ को स्वयं महसूस करेंगे।
चालीस दिन करना होगा मंत्र का जाप
🔷 प्रतिदिन श्रध्दानुसार ‘शनि गायत्री’ का जाप करने से घर में सदैव मंगलमय वातावरण बना रहता है।शनि मंत्र व स्तोत्र सर्वबाधा निवारक है।वैदिक गायत्री मंत्र-
“♦ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो शनि: प्रचोदयात्।”कम से कम एक माला रोज करे।
🔶वैदिक शनि मंत्र-यह शनि देव को प्रसन्न करने का सबसे पवित्र और अनुकूल मंत्र है। इसकी दो माला सुबह शाम करने से शनि देव की भक्ति व प्रीति मिलती है।
“♦ॐ शन्नोदेवीरमिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्रवन्तुन:।”
🔷कष्ट निवारण शनि मंत्र नीलाम्बर- इस मंत्र से अनावश्यक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। प्रतिदिन एक माला सुबह शाम करने से शत्रु चाह कर भी नुकसान नहीं पहुँचा पायेगा।
“♦शूलधर: किरीटी गृघ्रस्थितस्त्रसकरो धनुष्मान्।
चर्तुभुज: सूर्यसुत: प्रशान्त: सदाऽस्तुं मह्यं वरंदोऽल्पगामी॥”
🔶सुख-समृद्धि दायक शनि मंत्र- इस शनि स्तुति का प्रात:काल पाठ करने से शनि जनित कष्ट नहीं व्यापते और सारा दिन सुख पूर्वक बीतता है।
“♦कोणस्थ:पिंगलो वभ्रु: कृष्णौ रौद्रान्त को यम:।
सौरि: शनैश्चरौ मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:॥”
🔷शनि पत्नी नाम स्तुति- यह बहुत ही अद्भुत और रहस्यमय स्तुति है। यदिकारोबारी,पारिवारिक या शारीरिक समस्या हो, तब इस मंत्र का विधिविधान से जाप और अनुष्ठान किया जाये तो कष्ट कोसों दूर रहेंगे।
♦”ॐ शं शनैश्चराय नम: ध्वजनि धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।
कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा॥
♦ॐ शं शनैश्चराय नम:”।