आगरालीक्स…हनुमान जन्मोत्सव छह अप्रैल चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, बवकरण के शुभ संयोग में। जानिये हनुमानजी की पूजा में क्या बरतें सावधानी, शुभ मुहूर्त।
पूर्णिमा तिथि छह अप्रैल को जन्मोत्सव मान्य
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित ह्रदयरंजन शर्मा के मुताबिक पूर्णिमा तिथि 05 अप्रैल सुबह 09:19 से प्रारंभ होकर 06 अप्रैल सुबह 10:05 तक मान्य रहेगी। अतः उदया तिथि के हिसाब से 06 अप्रैल दिन गुरुवार को ही श्री हनुमान जी का जन्मोत्सव मान्य होगा।
भक्तों के संकट करते हैं दूर
इस दिन प्रभु श्रीराम के अनन्य सेवक भक्त पवन पुत्र श्री हनुमान का जन्म हुआ था। भक्ति के पर्याय और श्री राम दूतपवनपुत्र, तथा संकटों को पल भर में दूर करने वाले श्रो हनुमान जी का जन्मदिन है।
राम काज कीन्हें बिनु मोहिं कहाँ विश्राम
ये दोहा बताता है कि श्री राम कार्य हेतु ही श्री हनुमान जी अवतार लेते हैं। श्री राम विष्णु के अवतार हैं तो श्री हनुमान जी रुद्रावतार। बिना हनुमान जी के भक्ति के श्री राम भक्ति पाना असंभव है
🌻 माना जाता है कि श्री हनुमान ही मातंग ऋषी के शिष्य थे। सूर्य देव और नारद जी से भी इन्होनें कई गूढ़ विद्याएं सीखीं। चैत्र माह की पूर्णिमा को ही हनुमान जी का जन्म होने के कारण इसी दिन श्री हनुमान जनमोत्स्व मनाते हैं। नवरात्रि के बाद तुरन्त माता की भक्ति के बाद भक्ति के पर्याय श्री हनुमान जी की भक्ति में साधक डूब जाते हैं और भक्ति के इस अलौकिक आनंद से प्रफुल्लित होते हैं।
हनुमान जन्मोत्सव मुहूर्त
🌺 श्री हनुमान जनमोत्स्व पूर्णिमा तिथि 05 अप्रैल दिन बुधवार सुबह 9:19 से प्रारंभ हो जाएगी, जो 06 अप्रैल दिन गुरुवार सुबह 10:05 तक होगी। अतः 06 अप्रैल दिन गुरुवार को ही श्री हनुमान जन्मोत्सव मनाना अति उत्तम माना जाएगा। पूर्णिमा 06 अप्रैल2023को ही मनाई जाएगी और उसी दिन पूरी रात्रि और पूरे दिन श्री हनुमानजी का जनमोत्स्व मनाया जायेगा।
पूजा के दौरान नहीं करें ये भूल
महावीर हनुमान को महाकाल शिव का 11वां रुद्रावतार माना गया है। इनकी विधिवत् उपासना करने से सभी बाधाओं का नाश होता है। ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान चालीसा या सुन्दरकांड का पाठ करना चाहिएइस दौरान इन गलतियों से बचना चाहिए
नमक और मिठाई का रखें ध्यान
🌹 हनुमान जनमोत्स्व के दिन अगर व्रत रखते हैं तो इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। जो भी वस्तु दान दें विशेष रूप से मिठाई हो,तो उस दिन स्वयं मीठे का सेवन ना करें।
महिलाओं के लिए पूजा वर्जित
🔥 राम भक्त हनुमान सीता जी में माता का दर्शन करते थे और बाल ब्रह्मचारी के रूप में स्त्रियों के स्पर्श से दूर रहते हैं। इसलिए माता स्वरूप स्त्री से पूजन करवाना और उनका स्पर्श करना वे पसंद नहीं करते।
महिलाएं चरणों में कर सकती है दीप प्रज्वलित
यदि महिलाएं चाहे तो हनुमान जी के चरणों में दीप प्रज्जवलित कर सकती हैं। लेकिन उन्हें ना तो छुएं और ना ही उन्हें तिलक करें। महिलाओं का हनुमान जी को वस्त्र अर्पित करना भी वर्जित है।
काले और सफेद वस्त्र में पूजा नहीं करें
🌸 काले या सफ़ेद वस्त्र धारण करके हनुमान जी की पूजा न करें। ऐसा करने पर पूजा का नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। हनुमान की पूजा लाल, और यदि लाल या पीले वस्त्र में ही करें।
सफाई और शुद्धता का रखें ध्यान
💐 हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है। इसलिए हनुमान जयंती पर उनकी पूजा करते समय अपना तन मन पूरी तरह स्वच्छ कर लें। इसका मतलब है कि मांस या मदिरा इत्यादि का सेवन करके भूल से भी ना तो हनुमान जी के मंदिर ना जाये और ना घर पर उनकी पूजा न करें। पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर भी मन को भटकने न दें।
मन अशांत है तो पूजा नहीं करें
🌟 यदि आप का मन अशांत है और आप क्रोध में है तब भी हनुमान जी की पूजा न करें। शांतिप्रिय हनुमान को ऐसी पूजा से प्रसन्नता नहीं होती और उसका फल नहीं मिलता
चरणामृत का प्रयोग नहीं
🌲 हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं होता है। साथ खंडित अथवा टूटी मूर्ति की पूजा करना भी वर्जित है।