Shri Mahakal Bhairav Ashtami tomorrow: He is the form of Lord Shiva, fear does not torment him, know how he makes all troubles vanish
आगरालीक्स… श्री महाकाल भैरव अष्टमी कल। काल भैरव शिव का हैं रूप। पूजा करने से भय नहीं सताता। बाबा की भैरव की आराधना से करें कष्टों को छूमंतर।
भक्तों की रक्षा करते हैं भैरव
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित ह्रदयरंजन शर्मा बताते हैं कि काल भैरव शिव का रूप हैं। इनकी पूजा करने से भय नहीं सताता है। काल भैरव रक्षा करते हैं। अगर शनि, राहु जैसे पापी ग्रहों की वजह से परेशान हैं, गरीबी आपका पीछा नहीं छोड़ रही है। किसी तरह की शारीरिक, आर्थिक और मानसिक समस्याओं से परेशान हैं तो आपको काल भैरव की प्रार्थना करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि काल भैरव से काल भी डरता है भगवान शिव का रौद्र रूप काल भैरव हैं।
मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्मी को हुए प्रकट
शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव प्रकट हुए थे। इसलिए इसे काल भैरव अष्टमी भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति काल भैरव की पूजा-अर्चना करता है, उसके पिछले जन्म और इस जन्म में किए गए जाने के पाप नष्ट हो जाते हैं। भक्तों को शिवलोक में स्थान प्राप्त होता है।
इन तरीकों से आप काल भैरव की पूजा कर सकते हैं
काल भैरव अष्टमी के दिन रात के बारह बजे काल भैरव के मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उनको नीले रंग के फूल चढाएं
मनोकामना पूर्ति को यह उपाय करें
अगर आप अपनी किसी खास मनोकामना को पूरा करना चाहते है तो इसके लिए आज के दिन किसी पुराने काल भैरव के मंदिर में जाकर वहां की साफ़ सफाई करे और काल भैरव को सिंदूर और तेल का चोला चढ़ाएं
-शनिवार के दिन रात में बारह बजे काल भैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही और गुड़ का भोग लगाए
-आज के दिन अपने घर में काल भैरव यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से इसकी पूजा करे
-गुप्त नवरात्र के दिन आप काल भैरव की साधना करेंगे तो वह अधिक फलदायी होगी। कई बार ऐसा भी होता है कि यदि कोई साधक भगवान भैरव की साधना में अधिक लीन हो जाता है तो काल भैरव उस व्यक्ति के शरीर में भी प्रवेश कर जाते हैं।
भगवान भैरव को अपने शरीर मे ऐसे बुलाएँ
भगवान भैरव को अपने शरीर में बुलाने के लिए आयाहि भगवन रुद्रो भैरवः भैरवीपते। प्रसन्नोभव देवेश नमस्तुभ्यं कृपानिधि।। मंत्र का जाप करें। इसके बाद संकल्प किया जाता है कि मैं काल भैरव को अपने शरीर में लाने का प्रयोग कर रहा हूं। काल भैरव की अराधना करने के लिए यदि ये मंत्र जपे जाते हैं तो आपकी मनोकामना जल्द पूरी होगी और काल भैरव भी खुश होंगे
ॐ कालभैरवाय नमः।
ॐ भयहरणं च भैरवः।
ॐ हीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय हीं।
ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः।
ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्।
काल भैरव के मंदिर में यह सामग्री चढ़ाएँ
काल भैरव की प्रार्थना करने के लिए आप उनके मंदिर में जाकर मदिरा, उड़द, दूध, दही, फूल आदि को चढ़ाकर भी बाबा भैरव को खुश किया जा सकता है। इसके अलावा किसी भी ऊपरी बाधा से आपको छुटकारा मिल सकता है!
भय का भक्षक, जगत् का रक्षक
भैरव का अर्थ है भय का भक्षक और जग का रक्षक। भैरव कृपा हो जाए तो सभी आसुरी शक्तियों को भैरव बाबा मार भगाते हैं इसलिए ये साक्षात रक्षक है। भूत बाधा हो या ग्रह बाधा,शत्रु भय हो रोग बाधा सभी को दूर कर भैरव कृपा प्रदान करते हैं।
भैरव जी के आठ रूप हैं
1.असितांग भैरव। 2.चंड भैरव 3. रूरू भैरव 4.क्रोध भैरव 5.उन्मत्त भैरव 6.कपाल भैरव 7.भीषण भैरव 8.संहार भैरव।
भैरव जी के पूजन दर्शन से कष्टो से निजात एवम् सर्व कामना सिद्धि और समस्त प्रकार के लाभ पाने का उपाय
-कामनासिद्धि के लिए करें निम्न उपाय -शनिवार और रविवार के दिन श्री भैरव मंदिर में जाकर भैरव जी को सिंदूर व चमेली का तेल चढ़ाएं
-कष्टो का निवारण के लिए उपाय- शनिवार और रविवार को श्री भैरव मंदिर में जाकर भैरव जी को कपूर की आरती व काजल का दान करने से सभी कष्टों का नाश होता है
-गंभीर समस्या से निजात पाने का उपाय- किसी भी प्रकार की समस्या से निजात पाने के लिए उरद की दाल से निर्मित एक सौ आठ बडे बना कर उनकी माला बनाएं और श्री भैरवनाथ जी को चढ़ाएं।
-ग्रह क्लेश से निजात पाने के उपाय-इस के लिए सरसों का तेल, खोए की मिठाई, काले वस्त्र, एक जलदार नारियल, कपूर, नींबू श्री भैरव मंदिर में जाकर भैरव जी को चढ़ाएं।
-ऊपरी बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए एक लोटा लेकर भैरवाष्टक का पाठ कर जल को फूंक कर पीड़ित व्यक्ति को पिला दें
-समस्त कष्टो से निजात पाने के लिए भैरव जी की आरती तेल का दीपक जला कर करनी चाहिए
-काले वस्त्र और नारियल चढाने से अति प्रसन्न होते है भैरव देवता और पूरे परिवार की रक्षा करते हैं फिर भैरव के भक्त को तीनो लोकों में कोई नहीं हरा पता
जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के लिए भैरव को चौमुखा दीपक जला कर अर्पित करें।
-भैरव की मूर्ति पर तिल चढाने से बड़ी से बड़ी बाधा भी नष्ट हो जाती है।